इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि हमारा समाज धार्मिक ठोंग पाखंड और अंधविश्वास की बेड़ियों में लोभी और गुमराह मुल्लाओं , पंडितों ,भगवानो द्वारा जकड़ा हुआ समाज है | अधिकतर तो जाहिल इनका शिकार होते हैं लेकिन मैंने धर्म और आस्था के नाम पे बड़े बड़े पढ़े लिखे लोगो को इसका शिकार होते देखा है |चमत्कारी बाबाओं और भगवानो द्वारा महिलाओं के शोषण की बातें हमेशा से सामने में आती रही हैं और धन तो इनके पास दान का इतना आता है कि जिसे यह खुद भी नहीं गिन सकते | इसके दोषी केवल यह बाबा ,मुल्ला या भगवान् नहीं बल्कि हमारा यह भटका हुआ समाज है जो किरदार की जगह चमत्कारों से भगवान् को पहचानने की गलती किया करता है|
शायद हम आज यह ही नहीं पहचान पा रहे हैं की हमारा अल्लाह, भगवान् या ईश्वर कौन है ? हर वो ताकात जिससे हम डर जायें या हर वो चमत्कार जो हमारी समझ में ना आये उसे भगवान् या खुदा अथवा देवी-देवता बना लेने की गलती ही हमें गुमराह करती है | कल का चमत्कार हकीकत में आज का विज्ञान है यह बात हर पढ़े लिखे को समझनी चाहिए | इस्लाम ओर हिन्दू धर्म ने इसी लिए बार बार समझया की अल्लाह ओर भगवान एक है और उसी ने सबको पैदा किया है वही सबका दाता है और हर चमत्कार केवल उसी की ताक़त है और जो ऐसा यकीन ना करें किसी और के चमत्कार को देख उसको भगवान् या अल्लाह मान ले | बावजूद इस यकीन के और अल्लाह की हिदायत के मुसलमान भी गुमराह हो जाता है और दुनिया के ढोंगी और चमत्कारी बाबाओं, मुल्लाओं के चक्कर में परेशानी के समय पड़ जाया करता है |
बाबाओं द्वारा दिखाए चमत्कार जादू ,सहर, नजर बंद (नज़रों का धोका ) हुआ करता है जो की एक ज्ञान है|
यह बात साफ़ है की यह सारे ढोंग ,पाखंड धर्म का हिस्सा नहीं और इनपे विश्वास अंधविश्वास है | आप कह सकते हैं की जिस बात का कोई सम्बन्ध धर्म से ना हो उसी को ढोंग और पाखंड कहते हैं और अपने फायदे के लिए धर्म की आड़ में बनाए कानून को पाखंडवाद कहते हैं | धर्म से भटकाव सामाजिक कुरीतियों को और ढोंगी ,पाखंडियों पर अंधविश्वास को जन्म देता है | इसी कारण जब कोई इंसान समाज से कुरीतियों को दूर करने के नाम पर, ढोंग पाखंड और अंधविश्वास मिटाने के नाम पर अधर्मी मुल्लाओं ,पंडितों, चमत्कारियों, बाबाओं के शक्ति प्रदर्शन को देख उनको बेनकाब करता दिखे तो ठीक क्यूंकि यह जो कर रहे है ये अंधविश्वास ओर पाखंडवाद की श्रेणी में आता है!
इन सब कुरूतियो से समाज को बचाना है!
आखिर कब तक इन जंझालो मे जकड़ा रहेगा हमारा समाज??
-:लेखक:-
#जयसिंह_नारेड़ा
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