Skip to main content

:-मेरी चुनिंदा शायरियां-:

जमाने से नही तन्हाई से डरता हूँ
प्यार से नही रुसवाई से डरता हूँ
मिलने की उमंग तो बहुत होती है,
लेकिन मिलने के बाद भी तेरी जुदाई से डरता हूँ!

दिल का रिश्ता है हमारा
दिल के कोने में नाम है तुम्हारा,
हर याद में चेहरा है तुम्हारा,
हम साथ नही तो क्या हुआ,
जीवन भर साथ निभाने वादा है हमारा

चाँद की रातों में सारा जंहा सोता है,
किसी की यादो में कोई बदनसीब रोता है,
खुदा किसी को मोहब्बत पर फ़िदा ना करे,
अगर करे तो फिर किसी को जुदा ना करे!!

दिल जब टूटता है तो आवाज नही आती,
हर किसी को दोस्ती रास नही आती,
ये तो अपने नसीब की बात है यारो,
कोई कोई भूलता है किसी को किसी याद नही आती!

होठो की बात आंसू कहते है,
चुप रहते है फिर भी बहते है,
आंसुओ की किस्मत तो देखिये,
ये उनके लिए बहते है जो दिल में रहते है!

मोहब्बत में भी कुछ राज होते है,
जागती आँखों में भी कुछ ख्बाव होते है,
जरुरी नही गम में ही आंसू आये,
मुस्कराती आँखों में सैलाब होता है!

ए-खुदा तेरी खुदाई की हम धाक देते है,
उसे खुश रखना जिसे हम दिल से प्यार करते है,

उनका भी हम दीदार करते है,
उनको भी हम दिल से याद करते है,
करे हम जब उनको हमारी जरूरत नही थी,
फिर भी हम उनको हर पल याद करते है!

तेरे इंतजार में कब से उदास बैठे है,
तेरे दीदार में आँखे बिछाए बैठे है,
तू एक नजर हमको देख ले बस,
यही इंतजार में बेक़रार बैठे है!

लेखक
जयसिंह नारेड़ा

Comments

Popular posts from this blog

मीणा शायरी

ना डरते है हम #तलवारो से, ना डरते है हम #कटारो से, ना डरे है हम कभी #सैकड़ो और #हजारो से, हम मीणा वो योद्धा है, #दुश्मन भी कांपे जिसकी #ललकारो से, #हस्ती अब अपनी हर #कीमत पर #सवारेंगे, #वाद...

एक मच्छर,साला एक मच्छर,आदमी को हिजड़ा बना देता है!-जयसिंह नारेड़ा

एक मच्छर , साला एक मच्छर , आदमी को हिज ड़ा बना देता है ! ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ एक खटमल पूरी रात को अपाहिज कर देता है. सुबह घर से निकलो, भीड़ का हिस्सा बनो. शाम को घर जाओ, दारू पिओ, बच्चे पैदा करो और सुब...

नारेड़ा गोत्र या गांव टोड़ी खोहरा का इतिहास

नारेड़ा गोत्र या गांव टोड़ी खोहर्रा(अजितखेड़ा) का इतिहास ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ बड़े बुजुर्गो के अनुसार टोड़ी खोहर्रा के लोग कुम्भलगढ़ में रहते रहते थे ये वही के निवासी थे! इनका गोत्र सिसोदिया था और मीनाओ का बहुत बड़ा शासन हुआ करता था! राजा का नाम मुझे याद नही है किसी कारणवस दुश्मन राजा ने अज्ञात समय(बिना सुचना) के रात में आक्रमण कर दिया! ये उस युद्ध को तो जीत गए लेकिन आदमी बहुत कम रह गए उस राजा ने दूसरा आक्रमण किया तो इनके पास उसकी सेना से मुकाबला करने लायक बल या सेना नही थी और हार झेलनी पड़ी! इन्होंने उस राजा की गुलामी नही करने का फैसला किया और कुम्भलगढ़ को छोड़ कर सांगानेर(जयपुर) में आ बसे और यही अपना जीवन यापन करने लगे यंहा के राजा ने इनको राज पाट के महत्व पूर्ण काम सोपे इनको इनसे कर भी नही लिया जाता था राजा सारे महत्वपूर्ण काम इन मीनाओ की सलाह से ही करता था नए राजा भारमल मीनाओ को बिलकुल भी पसन्द नही करता था और उन पर अत्याचार करता रहता था! एक बार दीवाली के आस-पास जब मीणा पित्रों को पानी दे रहे थे तब उन निहत्तो पर अचानक वार कर दिया! जिसमे बहुत लोग मारे गए भारमल ने अपनी बेटी अकबर को द...