Tuesday, March 7, 2017

:-मेरी चुनिंदा शायरियां-:

जमाने से नही तन्हाई से डरता हूँ
प्यार से नही रुसवाई से डरता हूँ
मिलने की उमंग तो बहुत होती है,
लेकिन मिलने के बाद भी तेरी जुदाई से डरता हूँ!

दिल का रिश्ता है हमारा
दिल के कोने में नाम है तुम्हारा,
हर याद में चेहरा है तुम्हारा,
हम साथ नही तो क्या हुआ,
जीवन भर साथ निभाने वादा है हमारा

चाँद की रातों में सारा जंहा सोता है,
किसी की यादो में कोई बदनसीब रोता है,
खुदा किसी को मोहब्बत पर फ़िदा ना करे,
अगर करे तो फिर किसी को जुदा ना करे!!

दिल जब टूटता है तो आवाज नही आती,
हर किसी को दोस्ती रास नही आती,
ये तो अपने नसीब की बात है यारो,
कोई कोई भूलता है किसी को किसी याद नही आती!

होठो की बात आंसू कहते है,
चुप रहते है फिर भी बहते है,
आंसुओ की किस्मत तो देखिये,
ये उनके लिए बहते है जो दिल में रहते है!

मोहब्बत में भी कुछ राज होते है,
जागती आँखों में भी कुछ ख्बाव होते है,
जरुरी नही गम में ही आंसू आये,
मुस्कराती आँखों में सैलाब होता है!

ए-खुदा तेरी खुदाई की हम धाक देते है,
उसे खुश रखना जिसे हम दिल से प्यार करते है,

उनका भी हम दीदार करते है,
उनको भी हम दिल से याद करते है,
करे हम जब उनको हमारी जरूरत नही थी,
फिर भी हम उनको हर पल याद करते है!

तेरे इंतजार में कब से उदास बैठे है,
तेरे दीदार में आँखे बिछाए बैठे है,
तू एक नजर हमको देख ले बस,
यही इंतजार में बेक़रार बैठे है!

लेखक
जयसिंह नारेड़ा

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