Wednesday, March 29, 2017

वो कॉलेज वाला प्यार.......भाग-3

दोनों का प्रेम विवाह था इसलिए राजेश अनुष्का बेहद खुश भी थे ,दोनों प्यार में इस कदर डूबे रहते कि साल कब बीत गया पता न चला | राजेश ने धीरे धीरे ये भी नोटिस किया कि अनुष्का को किताबें पढ़ने का बेहद शौक है उसने अनुष्का को खाली वक्त में हमेशा उस टेबल के इर्द गिर्द पाया जहां राजेशअक्सर कुछ न कुछ पढ़ने बैठता था | एक दिन राजेश से रहा नहीं गया और कहा "अनु तुम अपनी आगे की पढाई क्यों नहीं कर लेती" बात को बदल कर फिर ज़रा जोर दिया और कहा "मेरा मतलब है तुम्हें किताबें पढ़ने का शौक है और वैसे भी यही समय होता है पढ़ने का, तुम ग्रेजुएशन कर लो |"राजेश की बात सुन कर खुश तो हुई मगर थोड़े हैरानी भरे अंदाज में अनुष्का ने राजेश की तरफ देखा और कहा "अब अब तो शादी भी हो गयी क्या करूंगी आगे पढ़ कर और हंसते हंसते कहने लगी तुम नहा लो में नाश्ता बनाती हूँ " और रसोई में चली गयी |
मगर राजेश के मन में कुछ और था वो नहीं चाहता था की अनुष्का इस चूल्हे चौके के बीच रह कर अपनी जिंदगी यूं ही खराब कर दे ,उसे याद है उसने अनुष्का की बुआ को कहा था कि अनुष्का आगे अपनी पढ़ाई पूरी करेगी वो उसमें अनुष्का की पूरी सहायता करेगा | "अरे पढाई का शादी से क्या लेना देना, पढाई अपनी जगह है तुम भी आगे बढ़ो दुनिया को देखो " कह कर अपना तोलिया उठा कर नहाने चला गया | आखिर राजेश जब रोज रोज यही दोहराने लगा तो थक हार कर अनुष्का ने राजेश की बात मान ली और बी.ए फर्स्ट ईयर में एड्मिशन ले लिया |
क्या यही एक भूल हो गयी थी उस से ,राजेश फिर से उस लटकते घूमते पंखे को देख रहा था और सोच रहा था ,उसने तो वहीं किया जो की किसी भी अच्छे इंसान को और अच्छे पति को करना चाहिए था तभी दरवाजे की घंटी बजी ,मन नहीं था खोलने का सो थोड़ी देर वैसे ही लेटा रहा, घंटी फिर बज उठी इस बार दो बार बजी, दरवाजा खोला "गोलू तू" करीब 14 वर्ष का बच्चा हाथ में चाय लिए खड़ा था कहने लगा "ओह्ह क्या भैया इतनी देर से घंटी दे रहा हूँ अपनी चाय ले लो " चाय लेकर राजेश वापिस कमरे में आया और पास पड़ी कुर्सी पर बैठ गया जो किताबों के टेबल के पास थी जिस पर वो सुबह होते ही वो बैठ जाया करता था और जहां अनुष्का और राजेश साथ साथ चाय की चुस्कियां भरते हुए अपनी सुबह को तरोताजा करते थे |
कितना खूबसूरत मंजर होता था और कितना अजीब है अब सब कुछ, चाय की पहली चुस्की भरते सोचने लगा कहां तो अनुष्का बाहर खाना खाने के लिए भी मना करती थी हमेशा कहती थी घर का बना खाना खाने से अच्छा कुछ भी नहीं और अब तो.. एक लम्बी आह भरी जैसे राजेश का अंदर का हर दर्द अपने आप को सिर्फ आहों में ही बयां कर रहा हो | अनुष्का पढ़ने में बहुत तेज थी इस बात में राजेश कोई शक नहीं था वो अनुष्का के इस बात से बेहद प्रभावित भी था, उसका मनपसंद सब्जेक्ट जियोग्राफी था ,राजेश को रश्मी बुआ की सिफारिश पर उसी कॉलेज में क्लर्क की जॉब मिल गयी!इसकी बजह से अनुष्का और राजेश बेहद खुश थे! धीरे धीरे दोनों की दिनचर्या फिक्स हो गयी राजेश जॉब के लिए कॉलेज जाता और अनुष्का अपने कॉलेज | राजेश ने परीक्षा के दिनों में अनुष्का की पूरी मदद की और समय कैसे बीत गया पता ही नहीं चला ,अनुष्का ने ग्रेजुएशन फर्स्ट डिवीज़न से पास किया और राजेश के कहने पर जियोग्राफी में एम.ए करने का निश्चय किया, अपना मन पसंद विषय पाकर अनुष्का फूली न समायी | अब कुछ दिनों के लिए वो बुआ के घर जाना चाहती थी बहुत जिद्द करने पर राजेश ने उसे बुआ के यहां छोड़ दिया ,रश्मी भी अनुष्का को देख कर बेहद खुश थी आखिर बुआ का उसके सिवा अपना था ही कौन ? रश्मी ने पाया कि अनुष्का बहुत ज्यादा खुश है और चहक भी रही है ये बात तो अच्छी थी मगर एक चिंता ने रश्मी के मन को घेर लिया , उसकी रूचि राजेश से ज्यादा अब कॉलेज जाने में थी, अनुष्का कॉलेज की सारी बातें रश्मी को बताती अपनी सहेलियों के बारे में दोस्तों के बारे में | उसने रश्मी को अपनी एक खास दोस्त सरिता के बारे में बताया कि कैसे वो अपनी गाड़ी लेकर कॉलेज आती है ,और कहने लगी
"बुआ वो बहुत अमीर घर से है उसके घर में सारे के सारे लोग बड़ी बड़ी पोस्ट पर हैं" रश्मी ने उसकी सब बहुत ध्यान से सब बातें सुनी वो अनुष्का को लेकर एक बात समझ रही थी उसकी उम्र के हिसाब से वो अपनी जगह ठीक है मगर कुछ पाने का सपना अभी भी वो आंखों में लिए घूम रही है क्या था वो सपना ? क्या वो सपना अनुष्का और राजेश दोनों का है या सिर्फ और सिर्फ अनुष्का का ? इन सवालों से रश्मी सिहर उठी वो ये भली प्रकार जानती थी कि राजेश उस से बेहद प्यार करता है इसी लिए अनुष्का की ख़ुशी में वो अपनी ख़ुशी ढूंढता है ,इसलिए वो अनुष्का की हर बात मान भी लेता है आखिर प्यार यही तो है एक दूसरे को समझना और एक दूसरे की ख़ुशी में खुश रहना |
रश्मी ने कई बार बातों का रुख मोड़ने की कोशिश की और राजेश के बारे में और आगे परिवार बढ़ने केर बारे में अनुष्का से जानना चाहा मगर अनुष्का हर बार एक फीकी मुस्कराहट देकर बात टाल जाती और हर बार यही कहती "बुआ तुम भी न, अभी मेरी उम्र ही क्या है, अभी मैं पढ़ना चाहती हूँ कुछ बनना चाहती हूँ और खूब पैसा कमाना चाहती हूँ " पढ़ने वाली बात ठीक थी मगर पैसे वाली बात रश्मी को चिंता में डालने के लिए काफी थी | रश्मी खुद की बीती जिंदगी को याद करती है!और वो पल याद आ जाता है जब संदीप उसे नोकरी लगने के बाद शादी का झांसा देकर छोड़ गया था!संदीप भी रूपये कमाने के ख्याव इसी प्रकार देखता था जैसे अब अनुष्का देख रही थी!
इन विस्मरणीय बातो को याद करके बुआ की आँखे में पानी की बुँदे थी!जिनको वो अनुष्का से छिपा रही थी!
डर भी रही थी कही अनुष्का भी उसी राह पर नही चले!
कुछ दिन रह कर वो वापिस राजेश के पास लौट आई !
राजेश बेहद खुश था क्यों कि अनुष्का के बगैर पूरा घर सूना सूना लग रहा था |



कहानियों का सफर जारी रहेगा............शेष अगली क़िस्त में

आपके अनमोल सुझाव देते रहे 

धन्यवाद

-:लेखक:-
जयसिंह नारेड़ा

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