राजेश पायलट ने किरोड़ी लाल को हराया चुनाव का मैदान भी कुश्ती के दंगल की तरह होता है दांव पेंच तो दोनों ही लगाते है लेकिन एक की कुश्ती ने हार होती है। ठीक उसी प्रकार चुनाव में भी यही हाल होता है #राजेश_पायलट गुर्जर ही नही सर्व समाज के चहेते नेता थे और वे कांग्रेस जैसी दिग्गज पार्टी के नेता थे । वो समय ही कांग्रेस का था उस समय बीजेपी को वोट कोई नही देता था यहाँ तक कि बीजेपी का टिकट भी कोई लाना नही चाहता था ऐसा तो बहुत बार हुआ था जब बीजेपी को कोई टिकट लेने वाला नही मिला । राजस्थान तो कांग्रेस मय था ही !! दौसा का चुनावी आखाड़ा गुर्जर मीणा बाहुल्य था इसमे राजेश पायलट जो पहले से ही लोगो के चहेते बन चुके थे बने भी क्यो नही आखिर वे सर्व समाज के लिए तत्पर रहते थे दीन हिनो की आवाज बनते थे और दूसरी तरफ वे कांग्रेस के बड़े नेता थे उस समय कांग्रेस का एक तरफा राज हुआ करता था यू कह सकते है कांग्रेस की आंधी थी। ...