#ERCP
दरअसल बात ऐसी है की पानी तो सब चाहते है लेकिन मेहनत कोई नही करना चाहता । सब सोच रहे है कोई आगे आए और पानी ले आए बाद में तो हम बढ़िया खेती करेंगे और मौज उड़ाएंगे लेकिन खुद कुछ नही करेंगे ।
ERCP के पानी से क्या केवल मीणा ही पानी पियेंगे बाकी समाज क्या शरबत का इंतजाम करेंगे
साथ क्यों नहीं लगते है ??
नेता इसमें राजनीति करना चाहते है वे अपना अस्तित्व बचाने के चक्कर में कांग्रेस बीजेपी कर रहे है। ये बात उन्हें भी पता है की चिंगारी लग चुकी है बस इसे भड़काना है और इसी आग से अपनी राजनैतिक कुर्सी बचाई जा सकती है।
युवा नेता तो खैर है ही चूतिया उनके बारे में तो लिखना ही क्या ?? उनको ना तो टिकट मिल रहा है ना ही सहानुभूति तो वे ज्यादा इस मामले में इंटरेस्ट नहीं ले रहे है। और यदि वे इंटरेस्ट ले भी ले तो उनकी सुनता कौन है ??
और जो निस्वार्थी बनने का चोला ओढ़कर बकचोदी करते है ना फेसबुक पर लाइव आ कर वे चुनाव की तैयारी और थोबड़ा चमकाने की फिराक में है । कोई एक भी ऐसा चूतिया नही है जो अपनी जेब के पैसे खर्च करके लगेगा । सबका अपना स्वार्थ होता है भलई वो अपने मुंह से कुछ भी कहता हो..!
हमारा क्षेत्र वाले सोचते है 20 साल तक तो पानी नही आयेगा तब भी दिक्कत है नही बाकी बाद में देखेंगे इसलिए वे ज्यादा भाग नही ले रहे है।
असल में जिनको दिक्कत है वे भी नहीं चाहते की पानी आए क्योंकि सब ये सोचते है छोरो नोकरी लग गो तो गांवमे काई करेंगे वही ड्यूटी पर रहेंगे ।
सिंगरो का क्या है उन्हे सिर्फ कमाई से मतलब है भाड़ में गई ERCP 2 गीत और काढ़ेंगे और बढ़िया व्यूज आ गए तो एकाध और काढ देंगे और व्यूज कम आए तो वे 2 में से 1 को ही डालेंगे ।
कुछ संगठन है जो सिर्फ नेताओ के इशारे पर चलते है वो उनके अनुसार ही अपना गीत गाते है नेता कहा ऊंट को गधा बता दिया तो वे भी ऊंट को गधा ही बताएंगे
#पांचना_बांध के लिए एक भी नही बोलता क्यों ?? किसी ने मना किया है क्या ??? या फिर बोलने से डरते है ??
पिछले 15 साल से पांचना का पानी कोई काम नही आ रहा है गुर्जर आंदोलन के समय से ही बंद है जिससे आस पास के गांव वालो यानी माड़ क्षेत्र को पानी नही मिल पा रहा है ।
कुछ जरूरत से ज्यादा स्याने जिन्हे गान मूंड का होश नही है वे दूसरो की बातो में आकर बोल देते है पांचना में छिचो लेवा लायक पानी है अरे wow भेंचाें दुनिया वहा वोटिंग कर रही है तुम छीचो नही ले पा रहे हो गजब है ऐसा कितना पानी चाहिए तुम्हे सालो फिर तो तुम घर में बगैर छीचों लिए ही रहते होंगे
दरअसल पांचना बांध मिट्टी का बना हुआ राजस्थान का सबसे बड़ा बांध है जिसकी भराव क्षमता 258.60 है जिसमे अभी भी पर्याप्त मात्रा में पानी है। और यदि ERCP आती है तो इसे बहुत लाभ मिलेगा।
बाकी सबकी अपनी डफली अपना राग है
✍️✍️जयसिंह नारेड़ा
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