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Showing posts from May, 2020

#आज_की_वेश्या

#आज_की_वेश्या  कहा जाता है कि प्राचीन काल में एक वैश्या का नाच देखने के लिए लोग उसके खास मकान(कोठे) पर जाया करते थे। तो वो वैश्या  देखने वालों को अपनी मनमोहक नृत्य शैली और अपने नग्नता के जरिए वाह वाही लूटती थी। अगर उस वैश्या से पूछा जाता कि वो ये काम क्यो करती है?  तो 100% में से 99.99% ये जवाब होता के मजबूरी है, में मजबूर हूं शोक में ये काम नहीं करती हूं। वो मजबूरी अगर पता लगाने की कोशिश की जाती तो हर किसी की एक अपनी दिल को दहलाने वाली कहानी होती । किसी के सर पर मां बाप का साया ना रहा, तो किसी को पति हारामी व नालायक  मिला।  ये तमाम बातें करने का मकसद ये है कि उन तवायफों की मजबूरियां समझ में आती थीं। मगर आज की वैश्या को क्या हो गया है? पता नहीं  में बात कर रहा हूं  उन कुछ  #_टिक_टोक_वाली_लड़कियों की। जी हां मुझ को पता है कि बहुत से लोगों को मेरी बात बहुत ही बुरी लगी रही होगी मगर ये बात करनी भी ज़रूर है तो में कहना चाहूंगा उन लोगो से (जिनको मेरी बाते बुरी लग रही हैं) के भाई जरा  अपने दिमाग पे ज़ोर डालो और सोचो के हमारे आस पास कितनी...

मेरा गांव टोड़ी खोहर्रा एक परिचय

मेरा गांव #टोड़ी_खोहर्रा एक #परिचय टोडाभीम से गुढ़ाचन्द्रजी मार्ग पर अरावली पर्वत मालाओं की तलहटियों में बसा छोटा सा गांव है! दुनिया भर जितने भी नारेड़ा गोत्र के लोग बसे हुए है उन सबका निकास इसी गांव से माना जाता है! गांव के आस-पास के पांचों गांव नारेड़ाओ के है लेकिन केवल नारेड़ाओ का कहना मैं ठीक नही समझूंगा क्योकि इस गांव में नारेड़ाओ के अलावा दमाच्या,जारेड़ा और जोरवाल के साथ साथ अन्य गोत्र भी मिल जाएंगे | कुछेक जातियों को छोड़ कर गांव में सभी जातियां मिल जाएगी | इस बसावट से पूर्व गांव के डूंगर के अंदर यानी तीन दिशाओं से घिरे डूंगर के मध्य रहा करता था लेकिन खेती के लिए दूर होने के कारण लोग अपने अपने खेतों में रहने लगे और आज पूर्व स्थान को छोड़ कर डूंगर की तलहटियों में आ बसा है। गांव आधुनिक सुख सुविधाओं से परिपूरित है गांव में पानी पर्याप्त मात्रा में पूर्ति होने के बजह से खेती ही गांव के लोगो की जीविकोपार्जन है। गांव में हासिल माता का प्राचीन मंदिर है जिसे नारेड़ाओ की कुल देवी माना जाता है इसी के साथ साथ नाहरसिंह बाबा का प्राचीन मंदिर है । ऐसा माना जाता है कि नारेड़ा गोत्र से प...

टिकटोक क्रिएटिविटी या ठोकमटोक क्रिएटिविटी

# टिकटोक_क्रिएटिविटी_या_ठोकमटोक_क्रिएटिविटी (अश्लीलता ,फूहड़ता बढाने का जरिया) एक तो स्मार्ट फोन ने पहले ही सबको बर्बाद कर रखा था, और जो थोड़ी कसर रह गई थी वो #TikTok जैसे एप्प ने पूरी कर दी थी. जैसे ही ये एप्प आया, यूं लगा जैसे दुनिया के सारे निकम्मे लोग काम पर लग गए हों.  शुरुआत में मैंने देखा कि हर कोई #टिकटॉक पर वीडियो बनाने पर तुला हुआ था. पहले तो मैंने इसमें सिर्फ कुछ युवाओं को वीडियो बनाते हुए देखा था, लेकिन जैसे-जैसे समय बीता और लोगों को इस एप्प के बार में पता चला, बच्चे क्या उनके माता-पिता के साथ साथ महिला वर्ग भी मिलकर इस एप पर अपनी क्रिएटिविटी दिखाने लग गए. (1)#बेहुदा_कंटेट_की_भरमार युवाओं के जोश के बारे में तो में तो क्या ही कहा जाए, उन्हें तो हर नई चीज ट्राय करनी होती है. लेकिन हैरानी तब हुई जब मैंने एक छोटे से बच्चे का वीडियो देखा जो #मां_बहन की #गाली दे रहा था. उसपर बहुत #लाइक्स थे. बच्चा बहुत छोटा था जो गालियों का मतलब भी नहीं जानता था. फिर भी उससे वो बुलवाया जा रहा था. और उसे #सो_क्यूट जैसे #कमेंट मिल रहे थे. (2)क्रिएटिविटी के नाम पर #अश्लीलता और #फूहड़त...