Wednesday, May 20, 2020

#आज_की_वेश्या

#आज_की_वेश्या

 कहा जाता है कि प्राचीन काल में एक वैश्या का नाच देखने के लिए लोग उसके खास मकान(कोठे) पर जाया करते थे।
तो वो वैश्या  देखने वालों को अपनी मनमोहक नृत्य शैली और अपने नग्नता के जरिए वाह वाही लूटती थी।
अगर उस वैश्या से पूछा जाता कि वो ये काम क्यो करती है? 
तो 100% में से 99.99% ये जवाब होता के मजबूरी है, में मजबूर हूं शोक में ये काम नहीं करती हूं।
वो मजबूरी अगर पता लगाने की कोशिश की जाती तो हर किसी की एक अपनी दिल को दहलाने वाली कहानी होती ।
किसी के सर पर मां बाप का साया ना रहा, तो किसी को पति हारामी व नालायक  मिला। 
ये तमाम बातें करने का मकसद ये है कि उन तवायफों की मजबूरियां समझ में आती थीं।
मगर आज की वैश्या को क्या हो गया है? पता नहीं 
में बात कर रहा हूं  उन कुछ  #_टिक_टोक_वाली_लड़कियों की।
जी हां मुझ को पता है कि बहुत से लोगों को मेरी बात बहुत ही बुरी लगी रही होगी मगर ये बात करनी भी ज़रूर है तो में कहना चाहूंगा उन लोगो से (जिनको मेरी बाते बुरी लग रही हैं) के भाई जरा  अपने दिमाग पे ज़ोर डालो और सोचो के हमारे आस पास कितनी निर्लज्जता है क्या ये टिक टोक और इस जैसे  दूसरे ऐप्स इसके लिए जिम्मेदार नहीं है?
आप देखो की बहुत ही कम कपड़े पहन कर ये इंसान की बेटी और हिन्दू नाम वालीयां दुनिया को अपनी दिलकश अदाओं, टाईट जीन्स, चुस्त पजामे पहन कर अपने पिछवाड़े निकाल कर और अगर बस चले तो शर्ट भी उतार कर ठुमक ठुमक कर दुनिया के सामने अपने आपको पेश करती हैं। 
और #लाइक मांगती हैं।
तो में पूछता हूं कि क्या ये उन कोठो की पैदावार हैं?
क्या उनके माता-पिता का भी देहांत हो गया?

अपनी राय दें और अगर आपको भी इन इंसान की बेटी की कुछ भलाई चाहते हैं तो ज़्यादा से ज़्यादा फैलाएं।
भगवान इनको सद्बुद्धी दें।
🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔 समझ नहीं आता के उनके माता-पिता भाई, उनके पति निर्लज्ज हैं या उनको भी अपनी बेटी, बीवी, और बहन को तवायफ की तरह नाचते हुए देख कर मज़ा आता है?
#बैन_TIK_TOK

जिन महानुभावो को मेरी बात बुरी लगी हो तो लगे मुझे फर्क नहीं पड़ता l
यह हमारी भारतीय संस्कृति का उपहास है , और हिन्दू धर्म का अपमान भी , सबसे अहम् बात से अवगत करा दूं की टिकटाक पर युवा लड़किओं के साथ साथ हमने माताओ को भी खूब उनकी बराबरी करते हुए देखा है जो बेहद शर्मनाक है l

लेख अच्छा लगे तो कृपया चिंतन करे और आसपास के माहौल को येन केन प्रकारेण सुधारने का प्रयास करे ll

और हा मैं ये भी नहीं कहता की वीडियो ना बनाओ अगर बनाना ही है तो ऐसे वीडियो बनाओ जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी को कुछ अच्छा सिखने को मिले जैसे की सामाजिक ऐतिहासिक  ,धार्मिक वीडियो बनाओ और उसमे भी अपनी संस्कृति और मर्यादा तथा पहनावे का ध्यान रखे ll

धन्यवाद
✍️✍️✍️ जयसिंह नारेड़ा

Saturday, May 16, 2020

मेरा गांव टोड़ी खोहर्रा एक परिचय

मेरा गांव #टोड़ी_खोहर्रा एक #परिचय

टोडाभीम से गुढ़ाचन्द्रजी मार्ग पर अरावली पर्वत मालाओं की तलहटियों में बसा छोटा सा गांव है! दुनिया भर जितने भी नारेड़ा गोत्र के लोग बसे हुए है उन सबका निकास इसी गांव से माना जाता है!

गांव के आस-पास के पांचों गांव नारेड़ाओ के है लेकिन केवल नारेड़ाओ का कहना मैं ठीक नही

समझूंगा क्योकि इस गांव में नारेड़ाओ के अलावा दमाच्या,जारेड़ा और जोरवाल के साथ साथ अन्य गोत्र भी मिल जाएंगे | कुछेक जातियों को छोड़ कर गांव में सभी जातियां मिल जाएगी | इस बसावट से पूर्व गांव के डूंगर के अंदर यानी तीन दिशाओं से घिरे डूंगर के मध्य रहा करता था लेकिन खेती के लिए दूर होने के कारण लोग अपने अपने खेतों में रहने लगे और आज पूर्व स्थान को छोड़ कर डूंगर की तलहटियों में आ बसा है।

गांव आधुनिक सुख सुविधाओं से परिपूरित है गांव में पानी पर्याप्त मात्रा में पूर्ति होने के बजह से खेती ही गांव के लोगो की जीविकोपार्जन है।

गांव में हासिल माता का प्राचीन मंदिर है जिसे नारेड़ाओ की कुल देवी माना जाता है इसी के साथ साथ नाहरसिंह बाबा का प्राचीन मंदिर है ।

ऐसा माना जाता है कि नारेड़ा गोत्र से पहले इनका गोत्र सिसोदिया (सिसोड़या) था लेकिन कुल देवता नाहरसिंह की बजह से इनका गोत्र बदल कर नारेड़ा हो गया है नारेड़ा गोत्र का इतिहास मैंने दूसरी कहानी में लिखा हुआ है इसलिए इसमे मैं इस बारे में बात नही करूँगा।

नाहरसिंह बाबा का स्थान यह स्थान नारेड़ा गोत्र के कूल देव की बजह से फेमस है यह डूंगर की तलहटियों में अपनी छाप छोड़ता है।कूल देव होने की बजह से गांव के लोगो की आस्था इस पर झलकती है।

हासिल माता का स्थान एक छोटी डूंगरी की छोटी पर बना हुआ है हालांकि अब इसे तोड़ कर नया बनाया जा रहा है यह स्थान गांव का सबसे प्राचीन स्थान है। यह नारेड़ाओ की कुल देवी मानी जाती है।

संत बाबा स्थान किसी जन्नत से कम नही लगता जब बरसात हो जाती है चारो तरफ हरा भरा होने के साथ साथ उसमें से झरने गिरते है मानो जैसे प्रकति ने स्वर्ग यही बनाया हो

साध बाबा का स्थान करौली जिले के सबसे बड़े स्थानों में शुमार है यहां कुंड और हरा भरा घास का मैदान अपने आप मे शोभा बढ़ाता है

गांव में मिट्टी का किला भी अपनी शान बनाता दिखाई देता है ऐसा माना जाता है की राजाओं की लड़ाई में तोप दागे जाने की बावजूद यह किला टस से मस नही हुआ लेकिन इस समय इसकी हालात जर्जर हो चुकी है।

गांव के साथ साथ पांचों गांवो में धूम्रपान लगभग पूरी तरह से बंद है इसमे महत्वपूर्ण भूमिका में साध बाबा का योगदान माना जाता है क्योंकि गांव के अधिकतर लोग इनके अनुयायी होने के कारण इन सबसे परे रहते है। हालांकि कुछ लोग आज भी हुक्का रखते है कुछेक नवयुवक भी धूम्रपान में अग्रणी हो सकते है|

गांव में #धौक के पेड़ को #धराणी माना जाता है इसकी बजह से काटना वर्जित है इसे काटने पर दंड भी रखा गया है इसके सुखी लकड़ी को काम में ले सकते है हरे पेड़ को नही काट सकते।
अपवाद फिर भी इसे काटने से नही चूकते है।

गांव का कोई खास खेल तो नही है लेकिन गायन शैली में गांव न अपनी खास पहचान बनाई हुई है गांव ने #कन्हैया दंगल में अपनी छाप छोड़कर बड़ी बड़ी पार्टीयो से अपना लोहा मनवाया है कन्हैया के अलावा #सुड्डा, #पद और #कीर्तन भी अपनी शैली में प्रस्तुति दे चुके है लेकिन खास पहचान नही मिलने के कारण कन्हैया तक सीमित रह गए।

आजकल गांव अपनी संस्कृति को भूलता जा रहा है पहले गांव में ट्रेक्टर संघ,कुली संघ ,अध्यापक संघ के साथ गांव भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता था जो अब नगण्य हो चुका है।
इस पर ज्यादा बुद्धिजीवियों का कहना ये भी है कि इससे पैसे की बर्बादी होती है जबकि उन्हें ये बात समझ नही आती है कि पैसे की बर्वादी को ध्यान में ना रखकर संस्कृति और भाईचारे को ध्यान में रखना भी जरूरी है इनसे गांव का भाईचारा बढ़ता है।

गांव के पंच पटेलों की बैठने की जगह #थाई(अथाई) मुख्य रूप से 2 थाई हुआ करती थी लेकिन आज दरबाजा में उसकी जगह चाय की थडियों ने ले ली है जहां पर न्याय के बजाए तास खेलने या सट्टा लगाने में समय बिताते हैं ये सभी के लिए नही कहा है कुछेक लोगो के लिए कहा गया है।

गांव में अब कर्मचारियों का अलग से संघ बना है जिनका मुख्य उद्देश्य गांव को नई दिशा देना है लेकिन अभी उन्हें ही दिशा नही मिल पाई है वे खुद अभी तक दिशाहीन हो रहे है स्कूल में पैसे खर्च करने से उनकी दुकान चल रही है खैर में इस पर नही बोलूंगा।

गांव में प्रतिभायो की कोई कमी नही है जिसका प्रमाण आपको नाहरसिंह बाबा पर रखी #ट्रॉफियों को देख कर मिल जाएगा।

गांव में शिक्षा के लिए 12 वी तक कि स्कूल है जिसकी हालत आज से 20 साल पहले जैसी थी वैसी ही अब है लेकिन सुधार नही हो पाया है।

गांव के सारे मार्ग लगभग ठीकठाक है लेकिन उनमें आज कीचड़ मिल जाना कोई नई बात नही है।
गांव में बाजार ना मात्र का है लेकिन जरूरत का सामान लगभग सभी मिल जाता है।

गांव में घुसते ही धाबोली यानी यज्ञशाला है जिसे 20 साल बाद अब सजाया गया है यह पांचों गांवो की मानी जाती है इसमे युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान है।

गांव की एकता तब नजर आती है जब सावर्जनिक रूप कोई आयोजन किया जाता है इसमे बच्चे से बड़े बुजुर्ग के साथ साथ महिलाएं भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेती है।इसी एकता को कायम रखने के लिए कन्हैया दंगल अहम भूमिका निभाता है।

✍️✍️✍️ जयसिंह नारेङा

Monday, May 11, 2020

टिकटोक क्रिएटिविटी या ठोकमटोक क्रिएटिविटी

#टिकटोक_क्रिएटिविटी_या_ठोकमटोक_क्रिएटिविटी

(अश्लीलता ,फूहड़ता बढाने का जरिया)

एक तो स्मार्ट फोन ने पहले ही सबको बर्बाद कर रखा था, और जो थोड़ी कसर रह गई थी वो #TikTok जैसे एप्प ने पूरी कर दी थी. जैसे ही ये एप्प आया, यूं लगा जैसे दुनिया के सारे निकम्मे लोग काम पर लग गए हों. 

शुरुआत में मैंने देखा कि हर कोई #टिकटॉक पर वीडियो बनाने पर तुला हुआ था. पहले तो मैंने इसमें सिर्फ कुछ युवाओं को वीडियो बनाते हुए देखा था, लेकिन जैसे-जैसे समय बीता और लोगों को इस एप्प के बार में पता चला, बच्चे क्या उनके माता-पिता के साथ साथ महिला वर्ग भी मिलकर इस एप पर अपनी क्रिएटिविटी दिखाने लग गए.

(1)#बेहुदा_कंटेट_की_भरमार

युवाओं के जोश के बारे में तो में तो क्या ही कहा जाए, उन्हें तो हर नई चीज ट्राय करनी होती है. लेकिन हैरानी तब हुई जब मैंने एक छोटे से बच्चे का वीडियो देखा जो #मां_बहन की #गाली दे रहा था. उसपर बहुत #लाइक्स थे. बच्चा बहुत छोटा था जो गालियों का मतलब भी नहीं जानता था. फिर भी उससे वो बुलवाया जा रहा था. और उसे #सो_क्यूट जैसे #कमेंट मिल रहे थे.

(2)क्रिएटिविटी के नाम पर #अश्लीलता और #फूहड़ता

कॉमेडी वीडियो का तो कहना ही क्या सिर्फ टिक टॉक पर नहीं इन्हें शेयर कर कर के लोगों ने फेसबुक वाट्सएप्प भर डाला. कॉमेडी के नाम पर कुछ भी भद्दा परोसा और शेयर किया जाता है. मुझे इन वीडियो को देखखर हंसी नहीं सिर्फ गुस्सा आता है. और मन में तुरंत ये सवाल आता कि इसे बनाने वाले से लेकर इसे शेयर करने वालों तक के सोचने समझने का #स्तर किस तरह का है. कॉमेडी के नाम पर अश्लीलता और फूहड़ता फैलाने में मजा कैसे आता है लोगों को?

खुद की मजाक बनाने तक भी सही है, लेकिन ऐसे वीडियो की भी कमी नहीं है जहां अजीबो गपीब फिल्टर लगाकर पब्लिक प्लेस में वीडियो शूट कर लिया जाता है और पब्लिक को डरावना और भद्दा दिखाया जाता है. लोग समझ ही नहीं पाते कि कोई उनका वीडियो बनाकर फिल्टर लगाकर इस तरह प्रचारित कर रहा है. जरा देखिए ये वीडियो एक ट्रेन में बनाया गया जहां महिलाओं के चेहरों पर फिल्टर लगा हुआ है.

(3)लड़कियों का ये रूप जरा भी अच्छा नहीं

हमारे देश की लड़कियां कितनी प्रगति कर रही हैं और कितनी स्वतंत्र और सशक्त हैं ये आप टिकटॉक पर देख सकते हैं. ये फिल्मी गानों पर जिस तरह के भाव देती हैं, अपनी #फिगर दिखाती हैं, #ठुमके लगाती हैं, स्वैग दिखाती हैं उससे तो जरा भी नहीं लगता कि इन लड़कियों को #भारत में डरने की जरूरत है. वो अपने चेहरे को बेतहाशा खराब और बदसूरत दिखाने में भी परहेज नहीं करतीं, क्योंकि लाइक्स का सवाल है.

लड़कियों को अपने घरवालों का डर है क्योंकि वीडियो सबसे छिपकर #बाथरूम में शूट किया जा रहा है, पर दुनिया के सामने आने में उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. फेसबुक पर एक लड़के ने कमेंट किया था कि ''लड़कियां टिकटॉक जैसे एप्प पर कुछ भी करती हैं लेकिन बाहर जब लड़के उन्हें छेड़ते हैं तो इन्हें दिक्कत होती है' मैं इस कमेंट से खुद असमंजस में हु की वो लड़का बाकई सच लिख रहा है!

#मीणा_गीत को लेकर भी महिलाओं का यही हाल है मैं सभी को इसमे नही घसिटूंगा लेकिन पर्याप्त मात्रा में अश्लील वीडियो मिल जाएगी यहां तक कि महिलाएं अपने बदन की नुमाइश करने से नही चूक रही है!

ये बदन दिखाना तो टिकटोक की भूमिका में नही था इसे तो मनोरंजन के तौर पर प्रयोग किया जाना था इसमे कुछ हद तक #गायक कलाकारों की फूहड़ता भी शामिल है उन्हें अपनी मर्यादित भाषा मे सीमित रह कर #गीत गाने चाहिए

(4)युवाओं से ये उम्मीद नहीं

ये टीनेजर्स हैं जो कहीं पढ़ भी रहे होंगे. लेकिन इनके वीडियो को देखकर इनके भविष्य की कल्पना भी की जा सकती है. अफसोस की ये बच्चे और युवा वो कर रहे हैं जिसकी इनसे उम्मीद नहीं है. इस ऐप के जरिए उन्हें ये समझ आ रहा है कि बिना मेहनत किए कैसे #ठुमके लगाकर, #आखें_मटकाकर, #बॉडी_दिखाकर ज्यादा से ज्यादा लाइक्स और शेयर जुटाए जाते हैं और कैसे इस तरह पैसा कमाया जा सकता है. टिकटॉक तो इसके लिए पैसा भी देता है. इसलिए अपना करियर बनाने सब यहीं ढेरा जमाए हैं. लेकिन इस तरह से भविष्य नहीं बनता. 

(5)#अश्लील_सामग्री की भी भरमार

अश्लील सामग्री तो इतनी है कि कहना ही क्या. लिप-सिंक्ड वीडियो और म्यूजिक वीडियो के अलावा आप यहां  द्विअर्थी संवादों वाले वीडियो और अश्लील चुटकुले सुन सकते हैं.भद्दे मीणा गीत और तो और इस एप्प पर एडल्ट-कंटेंट प्रसारित करने पर कोई रोक-टोक भी नहीं थी. बच्चे भी देखकर समझदार हो रहे थे. फेसबुक और यूट्यूब पर लड़कियों के वीडियो सेक्सी, हॉट, कड़क जैसे शब्द लिखकर खूब वायरल होते हैं.||

किसी को समझाना भी खुद के ऊपर FIR करवाना जैसे हो गया है यहां आप किसी से कुछ कहोगे तो वो खुद के कंटेंट पर ध्यान नही दे कर तुमने उसे ऐसा क्यो कहा इस को लेकर तुम्हारे ऊपर FIR तक करवाने की धमकियां देने लग जाता है!

यानी सीधे साफ शब्दों में कहु तो टिकटोक और कोरोना एक देश के बीज है और दोनो ही हमारे लिए खतरनाक साबित होंगे

Sunday, March 15, 2020

आग पर नंगे पर निकलने वाले चमत्कार का पर्दाफास लेखिका मोहिनी मीणा

फेसबुक पर देखे
#पेश_है_एक_और_अंधविश्वास_व_पाखंडवाद_का_उदाहरण____व_कुछ_अंधभक्तो_के_नमूने>>>>>>> #कहानी_पूरी_पढ़ना तब ही लाइक कमेन्ट करना अन्यथा नही.....★★★
🔥चमत्कार🔥 राजस्थान के पाली जिले में देवी का चमत्कार,,,,,,,,,,,,,,,,,,

इस तरह से 10 तारीख को एक वीडियो आया जिसको अपलोड किया था भीमा कुमावत नाम के शख्स ने,,,,,,,इसके बाद ये वीडियो अलग अलग ग्रुप में इतना तेजी से #वायरल हुआ कि 1 दिन में ही 1 लाख लोगों ने देखा,,,,और सब देखने वाले कमेन्ट में 100,200 को छोड़कर बाकी सारे लाखो लोग #जय_माता_दी,,,जय माता दी लिखने लगे,,,,,,,,,,,और ये #अंधभक्त मान बैठे की वाकई ये माता का चमत्कार हैं,‼️

औऱ आप भी नीचे दिए गए वीडियो को गौर से पूरा देखिये फिर वीडियो खत्म होने तक आपमे से भी बहुत से अंधभक्त निकल कर सामने आएंगे कमेंट बॉक्स में,,,उनके लिए व उन जैसे सभी अंधभक्तो को जवाब देने के लिए ही इतनी मेहनत कर ये पोस्ट बना रही हूं,,,,,किसी प्रकार की फिक्र ना करे, जवाब जरूर मिलेगा आपको,,,‼️

                    सबसे पहले मैं इन सभी #अंधभक्तो को बताना चाहती हूं कि ये कोई चमत्कार नही, और न कोई जादू है, और ना ही इसमे कोई देवी जी की शक्ति हैं,,,,,ये सब अपनी #साइंस_का_ही_फॉर्मूला है,,,जिसे दिखाकर आपको #लूटा जा रहा हैं,,,,आपको #बेवकूफ बनाया जा रहा हैं,,,,और आप पढ़े लिखे ज्ञानी इनके झांसे में आकर अपनी #बुद्धिमत्ता का परिचय इस कदर दे रहे हैं कि आप लोग इन #बाबा ओर #देवियों के नाम से अपना और अपने बच्चो का #स्वास्थ्य_व_भविष्य बर्बाद कर रहे हो...‼️❗
        
        अब आती हु असल मुद्दे पर इस वीडियो में दिखाया गया है कि किसी माता या देवी जी के #मंदिर के बाहर आग का कुण्ड बना रखा है जिसमे से लोग #नन्गे_पांव चलकर माता के मंदिर तक जा रहे हैं और मान रहे हैं कि माता या देवी जी के आशिर्वाद या उनकी कृपा से उनको कुछ नही हो रहा,,,,ना उनके पांव जल रहे हैं और ना ही उनके कपड़े,,,,,,,,,,,,,,,,,#देवी_जी_की_कृपा हो रही है इस वजह से नही जल रहे,,,,,,हैं ना⁉️

    ये तो था इस वीडियो में जो #स्पेस्ट तौर पर दिखाई दे रहा है वो सच,,,,,,,,,,,,किन्तु #कहते_हैं_ना_कि_एक_सिक्के_के_दो_पहलू_होते_हैं,,,,,,,,तो आइए जरा आपकि नज़र मैं इस वीडियो वाले सिक्के के दूसरे पहलू तक ले कर चलती हूँ,,,,,जरा आराम से चलना,,,,,,कमेंट में धक्का मुक्की मत करना,,,,,,,,सब शांति बनाए रखना,,,,,,,,,,,,आइए अब हम पहुच गए दूसरे पहलू पर,,,जो कि बड़ा ही इंटरेस्टिंग हैं,,,गौर से पढियेगा व बाद में वीडियो में गौर से देखिएगा....👇👇👇👇

          #दूसरा_पहलू ये है कि इस वीडियो में सबसे पहले एक आदमी उंस जलती आग पर लोगो के वहा से निकलने से पहले कुछ घी जैसा तरल पदार्थ डाल रहा है,,,,,,,,,,,,,,और फिर हर बार 2 या 3 जनों के निकलने के बाद ये फिर से ये ही #क्रिया_दोहरा रहा है,,,,,,,,,,,,,,और दूसरा आप जरा #गौर से देखिये की जो लोग आग पर से होकर आने वाले हैं उनके पास एक ओर आदमी हैं जो #बाल्टी लेकर खड़ा हुआ है व आग की और से आने वालों के पैरों को उंस बाल्टी में से उसी #घी_जैसे_पदार्थ से भिगो रहा है व साथ ही उनके निचले हिस्से के कपड़ो पर उंस तरल पदार्थ का #छिड़काव भी कर रहा है,,,,,,,,,हैं ना???? यदि ध्यान नही दिया हो तो वीडियो को 1 बार और देखिये गौर से,,,,,,,,,,,,‼️‼️👍👍👍

          अब ये तो हमने देख लिया कि ये लोग ऐसा ही कुछ तरल पदार्थ का छिड़काव कर तो रहे हैं,,,,,,,किन्तु अब आपके दिमाग मे आ रहा है कि ये लिक्विड आखिर हैं क्या,,,,इससे क्या होगा,,,,आग क्यू नही लग रही,,,उनके पैर जल क्यों नही रहे,,,,,,,,❓❓❓  
        
          तो इसका जवाब है कि वो जो #लिक्विड है जो कि घी/मक्खन जैसा लग रहा है वो न तो घी है और न ही मक्ख़न या तेल,,,,,,,,,,ये हैं #अकरकरा, #नोसादर और #घिकवार का रस जिसे घोलने पर ये घी जैसा लिक्विड दिखाई दे सकता हैं,,,,,,,,जो कि पसारी की दुकान पर आसानी से मिल जाता है,,,,,,,,,,इस घोल को पैरों पर लगाने से हमे कुछ समय तक पैरों में #आग_की_जलन_का_अनुभव_नही_होता व कपड़ो पर लगाने से उनमे आग नही लगती,,,,,,,,,,,,और ये पाखंडी लोग ऐसा ही कर रहे हैं सबसे पहले तो लोगो के पैरों को इससे #भिगो रहे हैं व उसके बाद उनको #कपड़ो_पर_भी_छिड़काव कर रहे हैं और अंत मे आग पर भी उसका थोड़ा छिड़काव कर रहे हैं,,,,जिससे नतीजा ये निकलता है कि उन्हें आग का अनुभव ही नही होता और वो आसानी से आग पर से नन्गे पांव चलकर बाहर आ रहे हैं,,,,,,,,,,इस अकरकरा, नोसादर और घिकवार के रस को वो #लोग घी बताते हैं जिसको हम मानते हैं कि घी लगाने के बाद भी आग नही पकड़ रही जबकि घी से तो आग भभकनी चाहिए,,,,,,,,,,,,,किन्तु ये सब ढोंग है, पाखंड है वो घी नही अकरकरा, नोसादर और घिकवार को पीसकर मिलाकर तैयार किया हुआ रस है जो कि हमे आग से बचाता है,,,इसका साइंटिफिक रिजल्ट आप गूगल या यूट्यूब पर भी देख सकते हैं,,,,,ये 200° से 230℃ तापमान पर भी जलन का अनुभव नही होने देता,,,,,,,,,,,,,,,तो इसमे कहा से चमत्कार आ गया बाबा या देवी का,,,,,ये सब साइंस का कमाल हैं जो वे लोग आग से बच रहे हैं,,,,,,,परन्तु ये बेवकूफ लोग मान रहे हैं की माता की शक्ति से ये बच रहे हैं,,,,,,,,,एकदम गंवार, मंदबुद्धि और बकवास सोच‼️‼️
  
     इसी में एक कड़ी और जोड़ती हूं की आपने बहुत जगह देखा होगा आग से जलती कपूर को मुह में लेना व मुँह से आग बाहर निकलना,,,,,,,,,,,आज साथ साथ ही उसका भ्रम भी दूर कर देती हूँ,,,,,,,,,,,👇👇👇👇
 
               कपुर का नैचर ही ठंडी प्रवति का होता है व जलते समय वो कोई राख या मलबा नही छोड़ता,,,,जलने के बाद सब हवा में विलीन हो जाता है,,,,,,,,कपूर की गोली को जब हाथ पर या किसी अन्य जगह रख कर उसे जलाया जाता हैं तब उसमें ऊपर के सिरे में आग लगने की वजह से निचला शिरा अधिक  ठंडा होता जाता है,,,,,जिससे कि उंस जलते कपूर को आसानी से हाथ की हथलेटी व जीभ पर रखा जा सकता हैं,,,व इससे जलन का अनुभव नही होता,,,,कभी कभार बाहरी हवा के वेग से आग की लॉ भभकती है तब उस लॉ की वजह से जलन अनुभव होती है और आपने ये देखा भी होगा कि तभी ये बाबाजी एक हाथ से दूसरे हाथ मे उसे उछालते रहते हैं,,,,,,,,,,,अब उस जलती हुई कपूर को जब ये लोग मुह में लेते हैं तो जीभ पर लार इक्क्ठा कर लेते हैं जिससे जलन होने का चांस न रहे व जीभ पर रखकर मुह बन्द कर लेते है,,,, तो बन्द मुँह में ऑक्सीजन की कमी व कार्बनडाइऑक्साइड की अधिकता की वजह से 2 सेकंड से भी कम समय मे वो कपूर की आग बुझ जाती है,,,,,,,,,,जिसे हम और आप जैसे कुछ पढ़े लिखे व अनपढ़ ज्ञानी #चमत्कार समझ बैठते हैं,,,,,,,,जबकि सच्चाई ये हैं कि इसमें भी #साइंस का ही कमाल हैं ‼️‼️

       अब लास्ट में बताती हूँ मुह से जलती हुई आग की लॉ निकालने वाली देवी या बाबाजीओ की शक्ति के बारे में,,,,,,,,,,,एक पदार्थ होता है जिसे हम #फॉस्फोरस कहते हैं,,,,ये पदार्थ बहुत ज्वलनशील होता है,,,,,,,थोड़े अधिक तापमान होने पर भी इसमे आग लगने का खतरा होता है,,,,,,,,,,,ये बाबा लोग इसी फॉस्फोरस को अपनी जीभ पर लगाने से पहले जीभ को थोड़ा सूखा कर लेते हैं,,,मतलब जीभ पर लार नही रहने देते,,,,,,फिर फॉस्फोरस को जीभ के अगले सिरे पर रखते हैं व जोर से अपनी सांस जो कि गर्म हवा होती है,,क्योंकि शरीर का temprature 37°-40℃ होता हैं तो शरीर मे से आने वाली हवा थोड़ी गर्म आती है जिसे ये बाबा बाहर की और छोड़ते हैं,,,,,उंस गर्म हवा की वजह से ये फॉस्फोरस आग पकड़ लेता हैं व ये आग सांस व हवा के वेग के साथ साथ बाहर की और लॉ के रूप में आती हैं,,,,,,,,,,,,,,,इनकी इसी साइंटिफिक कला को हम बाबा और देवियों का चमत्कार मान बैठेते हैं,,,,जबकि ये भी साइंस का ही एक फॉर्मूला हैं,,,‼️‼️

   ◆तो अब बताईये इसमे कोनसी देवी की शक्ति थी,,,,,कौनसा चमत्कार था,,,,क्या जादू था,,,,,,,,,,,,❓❓❓❓

   ☆इस बारे में मेरा जवाब हैं,,,,,,इसमे साइंस देवी थी,,,,,,,साइंस ही जादू था,,,,,,,और सारा चमत्कार भी साइंस का ही था⁉️⁉️   

#आपसे_मेरी_विनती_है_कि इन पाखंडी बाबाओ की लालच में आकर आप समाज मे पाखंडवाद व अंधविश्वास मत फैलाओ,,,,,,,इस तरह का कोई चमत्कार नही होता और न ही कोई शक्ति होती हैं,,,,,,,,,आपको बेवकूफ़ बनाने के लिए ये सब चमत्कारी बाबा साइंस का ही उपयोग करते हैं,,,,,,,और साइंस ऐसे चमत्कारों का खजाना हैं,,,,,,,,,,किंतु आप इसमे साइंस न देखकर बाबा ओर देवियों की शक्ति देख लेते हैं,,,इसी का परिणाम है कि आजकल पढ़े लिखे शिक्षित लोग भी ऐसे #पाखण्डवाद को मानते हैं ,,,कृपया अपनी काबिलियत व बुद्धिमत्ता को समझीये ओर इन ढ़ोंगी- पाखंडि बाबा जो अंधविश्वास फैला रहे है इनसे बचिए ‼️‼️
                                                                                
                   लेखिका                                                          ❣️❣️मोहनी मीना❣️❣️
                                                                                  ☆☆☆★☆☆☆

★★★अब आप अपने अपने विचार रखियेगा,,,,,,,,,,,

मीना गीत संस्कृति छलावा या व्यापार

#मीणा_गीत_संस्कृति_छलावा_या_व्यापार दरअसल आजकल मीना गीत को संस्कृति का नाम दिया जाने लगा है इसी संस्कृति को गीतों का व्यापार भी कहा जा सकता ...