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नीम के पेड़ से निकलते दूध की सच्चाई ।। नीम के निकलते दूध की सच्चाई

अंधविश्वास का #जीता जागता #उदाहरण टोडाभीम #घाटी में #नीम के पेड़ से निकला #दूध को #चमत्कार मान बैठे लोग

आज के युग में विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली है। लेकिन कभी-कभी कुदरत ऐसे खेल खेलती है कि इंसान की समझ से परे होते हैं। ऐसा ही एक मामला टोडाभीम की घाटी में देखने को मिला है जहां नीम के एक पेड़ से दूध निकलने पर हलचल मची हुई है। लोग अंधविश्वास के चलते पेड़ की पूजा करने लगे हैं। कोई दूध को दवाई समझकर तो कोई प्रसाद समझ कर पी रहा है।
जानकारी के अनुसार टोडाभीम क्षेत्र में घाटी में नीम के पेड़ से दूध की धारा बह रही है। इस आश्चर्यचकित करने वाला दृश्य को देखकर लोगों का हैरान होना वाजिब है। क्योंकि नीम के पेड़ से दूध निकलता बहुत ही हैरान करने वाली बात है। बताया जा रहा है कि पेड़ से निकल रहे दूध का स्वाद मीठा है। मीठे दूध की ऐसी धारा करीब एक सप्ताह से लगातार चल रही है। जिसके चलते लोग फूल औऱ धूप बत्ती के साथ पेड़ की पूजा कर रहे हैं।यहां तक कि लोगो ने इस पर चोला भी चढ़ा दिया ।
इस दूध को लोग प्रसाद के रूप में पी रहे हैं। लोगों का मानना है कि इस पेड़ में किसी देवी अथवा देवता का निवास है। लेकिन विज्ञान पर भरोसा करने वाले नीम के पेड़ से दूध निकलने को लेकर मात्र एक इत्तेफाक समझता है।

लोग इसे आस्था और चमत्कार का प्रभाव मानकर दर्शन के लिए दौड़े चले आ रहे हैं। प्रकृति के इस नायाब घटना का दीदार करने की ग्रामीणों में होड़ सी मची है।

आस्था और भक्ति से सराबोर स्थानीय जनमानस ने इसे ईश्वरीय चमत्कार की संज्ञा देते हुए पूजा पाठ शुरू कर दिए हैं। इस घटना की चर्चा सुनने के बाद आज भी दिन भर और शाम अंधेरा होने तक वहां पर लोगों की खासी चहल पहल आवाजाही बनी रही। दूर दराज से निजी वाहनों में सवार होकर हजारों की संख्या में लोग वहां पहुंचे थे।

पेड़ से दूध निकलता देख लोग चकित हो रहे हैं, दूध की धार कभी तेज हो जा रही है तो कभी मद्धिम होकर फेन की शक्ल में टपकने लग रहा है। लोग चम्मच व अन्य पात्रों में दूधिया द्रव को इकट्ठा भी किये तथा सैकड़ों लोगों ने उसको चखा और बताया कि नारियल के पानी के जैसा टेस्ट है।पेड़ से अलग किस्म की धुन सुनने का दावा भी लोग कर रहे हैं।

डॉक्टर्स का कहना है नीम के अंदर एंटीबाइटिक प्रचुर मात्रा में होता है। इस कारण उसका दूध पीने से छोटी-मोटी बीमारी जैसे शारीरिक दर्द या बुखार आदि बीमारियों में राहत मिल सकती है। इसे अंधविश्वास में भगवान मान रहे हैं।
वनस्पति विज्ञान के शिक्षक के अनुसार तने से तरल पदार्थ के निकलने की क्रिया रासायनिक क्रिया होती है। किसी भी पेड़ में दो टिस्सू होते हैं। जिसमें जायलम का काम पेड़ को जड़ से पत्तियों तक पानी पहुंचाने का काम है और फ्लोइम का काम पत्तियों से जड़ तक भोजन पहुंचाने का है। पेड़ के कटने और फटने पर जायलम की वजह से इस तरह का तरल पदार्थ निकलने लगता है। इसमें चमत्कार जैसी कोई बात नहीं है।

जयसिंह नारेङा

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