एक कहानी सुनाता हूं
दो भाई हुआ करते थे सुजानगढ़ में दोनो खेती किया करते थे! बड़े का नाम सोनू ओर छोटे का नाम रघु था! एक दूसरे में ही उनकी जिंदगी थी ! एक दूसरे के बिना उन्हें कुछ भी अच्छा नही लगता था ओर जब कोई बात उन्हें परेसान करती थी तो एक दूसरे से डिसकस कर लिया करते थे और अपने मन का बोझ हल्का किया करते थे!
कहते है ना कि खुशिया ज्यादा दिन नही टिक पाती है ऐसा ही कुछ उनके साथ हुआ!
छोटा भाई मेले में चला गया और वहां उसे एक सुंदर सी कन्या नजर आयी!वह उसे एक बार देखने मे ही प्यार समझ बैठा उस कन्या के बारे में सपने सजाने लगा!कन्या का नाम चंद्रमुखी था और वो टिटवाई की रहने वाली थी एक दिन वे दोनों मिले और धीरे धीरे उनका मेल जोल प्यार में तब्दील होते जा रहा था अभी तक छोटे भाई ने बड़े भाई को ये बाते नही बताई थी!बड़ा भाई उनके प्यार से अनभिज्ञ था!
मौका देखकर बड़े भाई को एक दिन न के बराबर बाते बता दी धीरे धीरे छोटे भाई को जब भी जरूरत पड़ती बड़े भाई कह देता और बड़े भाई उसे कभी मना नही करता था!
चंद्रमुखी ने एक दिन अपने होने वाले जेठ से रघु के बारे जानना चाहा तो सोनू ने चाह कर भी अपने छोटे भाई की कमियों को छुपा ली क्योकि उसे विश्वास था कि रघु अपनी गलत आदतों को छोड़ देगा!
एक दिन ऐसा भी आया कि चंद्रमुखी ने अपने जेठ को भैया के समान दर्जा दे दिया तो सोनू ने भी वो सहर्ष स्वीकार कर लिया!वह जानता था कि बहु को बहन बेटी के समान ही रखना चाहिए इसलिए उसे इससे कोई एतराज नही था!
रघु ओर चंद्रमुखी का प्यार गहराइयों से निकल कर अब लड़ाई झगड़ो में बदल रहा था धीरे धीरे दोनो में अक्सर लड़ाई झगड़े होने लगे लेकिन सोनू उन्हें कैसे भी समझा बुझा कर शांत कर देता था!सोनू दोनो को कभी रोते हुए नही देख पाता था!
कुछ दिन बाद रघु ने चंद्रमुखी के साथ शारीरिक संबंध भी बना लिए थे लेकिन उनके झगड़े धीरे धीरे बढ़ते ही जा रहे थे सोनू उन्हें समझाता ओर शांत कर देता मानो ऐसा लग रहा था कि सोनू का जन्म सिर्फ इनके झगड़े ही खत्म करने के लिए हुआ है!
एक दिन चंद्रमुखी आती है और कहती है भैया मैने आपके लिए कोई ढूंढ ली है और वो मेरे ताऊ की लड़की है मेरी छोटी बहन क्या आप बात करोगे..??
अभी तक सोनू ने कोई जबाव नही दिया था यही बात चंद्रमुखी ने रघु से भी बोली ओर एक दिन उसने अपनी बहन से सोनू की बात करवा दी लेकिन सोनू को लड़की पसन्द नही आई और उसने बात करना बंद कर दिया!
कुछ दिन बाद चंद्रमुखी फिर फोन करती है और कहती है भैया अबकी वो मेरी छोटी बहन है मेरे मामा की लड़की है! दिल की नेक कर समझदार होते हुए एक स्वच्छ छवि की लड़की है हम दोनों बचपन से साथ रहे है और मैं उसके बारे में सब कुछ जानती हूं उसका नाम मंजू है आप क्या उससे बात करना चाहोगे...??
एक बार फिर सोनू ने उस लड़की से बात की तो अबकी बार सोनू को वो लड़की पसंद आ गयी थी!धीरे धीरे वक्त अपनी रफ्तार से निकलता गया मंजू ओर सोनू में प्यार की गहराइयां बढ़ती गयी ओर रघु में टकराहट अभी भी जारी थी!
No comments:
Post a Comment