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कहा हो तुम कान्हा

कहा हो तुम कान्हा

विपदा आ पड़ी है बेटियों पर,
अब नही आते लाज बचाने तुम,
द्रोपदी का चीरहरण करने वाले,
बहुत हो गए अब कहा हो तुम.....!!

वे ही बेटी वही सम्मान है आज भी,
दिन रात याद करती है बेचारी आज भी,
नादान बहुत है ये दुनिया बेचारी,
बहुत पूजा अर्चना करती है तुम्हारी....!!

अंधभक्ति में चूर है बेचारी,
कर लेते है शिकार बलात्कारी,
विश्वास है उनको आएगा लाज रखने वाला,
मुरली मनोहर द्रोपदी की लाज बचने वाला.....!!

नही आती क्या दया आज तुम्हे,
नन्हे बालक बड़े बुजुर्ग भी पूजते है तुम्हे,
जिम्मा दे देते है खुद सुरक्षा का तुम्हे,
फिर काहे धोखा देते हो तुम उन्हें......!!

बड़ी आस लिए जाते है मंदिर में,
पुजारी भी भूखे बैठे वासना की आग में,
किस पर विश्वास करे सुरक्षित नही है,
किसी की बहन बेटियां इस कलयुग में......!!

नारेड़ा बुलाता है तुम्हे अब आ भी जाओ,
इन बलात्कारियों सबक सिखा जाओ,
पाखंडियों ने व्यापार बना दिया तुम्हारा,
विश्वास उठता जा रहा है अब हमारा......!!

जयसिंह नारेड़ा

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