Skip to main content

तू की जाने प्यार मेरा....भाग-2

इसी तरह वक्त के साथ साथ इस भ्रम मतलब एकतरफा प्यार में भी प्रगाढ़ता आने लगी और यही ख्याल रहने लगा की शायद आज नही तो कल उसे मेरे प्यार का एहसास जरुर होगा और वो किसी फिल्म की नायिका की तरह मेरे पास दौड़ी चली आएगी। और मेरा ये भ्रम सदा भ्रम ही रहा । एक तरफ मैं था जो उसे पाने की खातिर कुछ भी कर गुजरने की भावना लिए बैठा रहता था। मुझे उम्मीद थी की शायद उसे कभी न कभी तो एहसास होगा ही। लेकिन मुझे क्या पता था की मोहब्बत में एहसास एक तरफ होने से कुछ नही होगा, आग दोनों तरफ होने से ही प्यार परवान चढ़ता है। मगर इसमें मेरा क्या दोष था? मेरी भावना मेरा प्यार तो निश्छल, निस्वार्थ और किसी बहते दरिया के पानी की तरह साफ़ पवित्र और पारदर्शी था।
मेरी एक बहुत बड़ी कमजोरी है, मई मित्रो पर बहुत जल्दी और ज्यादा विश्वास कर लेता हु । एक तरह से ये मेरी ताकत भी थे। मगर मेरी मोहब्बत में मेरी ये ताक़त ही मेरी सबसे बड़ी कमजोरी बन गयी थी। कुछ सच्चे मित्रों की आड़ में कुछ जालसाजी मेरे मित्रो की सूचि में आ गये। और उन्होंने मेरी सपनो की रंगीन दुनिया की या यु कहे तो मेरी कथित प्रेमिका से मेरी बुराई और झूठे अवगुणों का प्रदर्शन सुरु कर दिया।
और वे मेरी मोहब्बत को भीतर ही भीतर खोखला करते गए। जिसका मुझे कभी आभास भी न हुआ। एक और बात की इसमें सिर्फ मेरे कथित मित्रो कही दोष नही था बल्कि कुछ उसकी परम मित्र जो एक तरह से परछाई की तरह थी। उन्होंने अपनी संकुचित विचारो और अपने निम्न संस्कारो का परिचय देते हुए मेरे बारे ने बिना कुछ जाने ही मेरे व्यव्हार के बारे में उस से बहुत कुछ कह दिया जिससे उसके मन में मेरे बारे में एक नकारात्मक छवि बन गयी । इसी के चलते मुझे कभी मेरी बात कहने क कोई अवसर ही प्राप्त न हुआ।
और हमारी प्रेम कहानी का सफर यही खत्म हो गया!
नोट:-कहानी का किसी घटना एवम पात्र से कोई सम्बन्ध नही है!यदि इसका किसी से कोई सम्बन्ध पाया जाता है तो उसे महज एक संयोग माना जायेगा
आपका अज्ञानी लेखक
जयसिंह नारेड़ा

Comments

Popular posts from this blog

मीणा शायरी

ना डरते है हम #तलवारो से, ना डरते है हम #कटारो से, ना डरे है हम कभी #सैकड़ो और #हजारो से, हम मीणा वो योद्धा है, #दुश्मन भी कांपे जिसकी #ललकारो से, #हस्ती अब अपनी हर #कीमत पर #सवारेंगे, #वाद...

एक मच्छर,साला एक मच्छर,आदमी को हिजड़ा बना देता है!-जयसिंह नारेड़ा

एक मच्छर , साला एक मच्छर , आदमी को हिज ड़ा बना देता है ! ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ एक खटमल पूरी रात को अपाहिज कर देता है. सुबह घर से निकलो, भीड़ का हिस्सा बनो. शाम को घर जाओ, दारू पिओ, बच्चे पैदा करो और सुब...

नारेड़ा गोत्र या गांव टोड़ी खोहरा का इतिहास

नारेड़ा गोत्र या गांव टोड़ी खोहर्रा(अजितखेड़ा) का इतिहास ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ बड़े बुजुर्गो के अनुसार टोड़ी खोहर्रा के लोग कुम्भलगढ़ में रहते रहते थे ये वही के निवासी थे! इनका गोत्र सिसोदिया था और मीनाओ का बहुत बड़ा शासन हुआ करता था! राजा का नाम मुझे याद नही है किसी कारणवस दुश्मन राजा ने अज्ञात समय(बिना सुचना) के रात में आक्रमण कर दिया! ये उस युद्ध को तो जीत गए लेकिन आदमी बहुत कम रह गए उस राजा ने दूसरा आक्रमण किया तो इनके पास उसकी सेना से मुकाबला करने लायक बल या सेना नही थी और हार झेलनी पड़ी! इन्होंने उस राजा की गुलामी नही करने का फैसला किया और कुम्भलगढ़ को छोड़ कर सांगानेर(जयपुर) में आ बसे और यही अपना जीवन यापन करने लगे यंहा के राजा ने इनको राज पाट के महत्व पूर्ण काम सोपे इनको इनसे कर भी नही लिया जाता था राजा सारे महत्वपूर्ण काम इन मीनाओ की सलाह से ही करता था नए राजा भारमल मीनाओ को बिलकुल भी पसन्द नही करता था और उन पर अत्याचार करता रहता था! एक बार दीवाली के आस-पास जब मीणा पित्रों को पानी दे रहे थे तब उन निहत्तो पर अचानक वार कर दिया! जिसमे बहुत लोग मारे गए भारमल ने अपनी बेटी अकबर को द...