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Showing posts from October, 2016

भय से डरता आम इंसान

----भय से डरता आम इंसान---- यहां दो चित्रों को मिलाकर एक चित्र तैयार किया गया है जिसका उद्देश्य यह समझाना मात्र है कि जब गणेश चूहे पर बैठ कर ब्रह्माण्ड की यात्रा कर सकता है तो फिर आम आदमी मुर्गे पर बैठ कर अपनी यात्रा क्यों नही कर सकता है! अब आपको ये बात अजीब लगेगी की भला कोई व्यक्ति मुर्गे पर कैसे बैठेगा और यदि बैठ भी गया तो मुर्गा बचेगा भी या उसका कचूमर निकल जायेगा! जनाब ज्यादा मत सोचियेगा क्योकि जब गणेश जी जिसे व्यक्ति अपना भगवान मनाकर पूजा करता है वे भी तो चूहे पर ही बैठे हुए है जबकि मुर्गा का आकार तो चूहे से काफी बडा है जिससे चूहे की अपेक्षा मुर्गे पर आसानी से बैठा जा सकता है!जरा दिमाग पर जोर डालियेगा! आज का इंसान बहुत डरा हुआ है। हर ज़िन्दगी भीतर से कितनी सहमी हुई-सी है। बाहर चाहे कोई कितना भी खिलखिलाए लेकिन भीतर किसी-न-किसी जाने-पहचाने या अनजाने डर का हल्का या गहरा साया बना ही रहता है। हर इंसान को अपने भविष्य से डर लगता है। ऐसा लगता है जैसे कि हम मौत से भी अधिक अपने भविष्य से डरते हैं। असुरक्षा की भावना ने इस कदर हमारे अंतस में अपने पंजे गड़ा लिए हैं कि हम हर बात को लेकर भयभीत ...

बेटी पढ़ाओ बेटी पढ़ाओ

खंडवा कलेक्टर - दशहरे के अवसर पर खंडवा कलेक्टर श्रीमती स्वाति मीणा जी ....... हमे गर्व है की हमारे समाज की बहन बेटिया आगे बढ़ रही है और इससे हमारे समाज का नाम रोशन हो रहा है! एक जमाना ...

राम राज का सच

-:-राम राज का सच-:-- काफी दिनों से ये पोस्ट लिखने की सोच रहा था!यहाँ तक की कुछ तो लिख भी रखी थी लेकिन पूरी नही कर पाया कोई ना कोई काम आ ही जाता था! आज थोड़ा वक्त मिला तो इसे पूरा कर दिया जि...

मीणा लम्बा गीत की 2 लाइन,मीणा संस्कृति

(1)पीतल का किवाड़ साकल बाज वाली छः, तेरो बनगो काम चलेजा मैया जाग वाली छः!! (2)गोरा गोरा हाथ जामे पीतल को लोट्यो, काई पावेगी परण्या कु आगो नींद को झोको!!