विद्या या ज्ञान की देवी सरस्वती या सावत्री बाई फुले !!
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सावित्रीबाई फुले • का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था।
इनके पिता का नाम खन्दोजी नेवसे और माता का नाम लक्ष्मी था। सावित्रीबाई फुले का विवाह 1840 में ज्योतिबा फुले से हुआ था।सावित्रीबाई ने अपने जीवन का उद्देश्य विधवा विवाह करवाना, छुआछात मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना बनाया। कितनी सामाजिक मुश्किलों से खोला गया होगा फुले देश की पहली महिला अध्यापक-नारी मुक्ति आंदोलन की पहली नेता थीं18 स्कूलों की प्रथम संचालिका थी आज से लगभग 168 साल पहले बालिकाओं के लिये जब स्कूल खोलना पाप का काम माना जाता था सावित्रीबाई की मृत्यु 10 मार्च 1897 को प्लेग के मरीजों की देखभाल करने के दौरान हुई.उनकी एक बहुत ही प्रसिद्ध कविता है जिसमें वह सबको पढ़ने लिखने की प्रेरणा देकर जाति तोड़ने और ब्राह्मण ग्रंथों को फेंकने की बात करती हैं.आज भारत में जो शिक्षा की सुधरी हुई स्थिति है, वह सरस्वती नहीं माता सावित्री बाई फूले की देन है । आम लोगो की शिक्षा के जनक और जननी तो महामना ज्योतिबा फूले और माता सावित्री बाई फुले हैं । अंग्रेज मैकाले की शिक्षा प्रसार नीति की जड़ में फूले दम्पत्ती थे । उनका पूरा समर्थन और सहारा लेकर लार्ड मैकाले ने भारत में शिक्षा प्रसार किया ।
दूसरी तरफ सरस्वती हिन्दू धर्म की प्रमुख देवियों में से एक हैं। विद्या की अधिष्ठात्री देवी मानी गई हैं। इनकी उपासना करने से मूर्ख भी विद्वान् बन सकता है। देवी भागवत के अनुसार ये ब्रह्मा की स्त्री हैं। उनके एक मुख, चार हाथ हैं। इनका वाहन हंस माना जाता है और इनके हाथों में वीणा, वेद और माला होती है। भारत में कोई भी शैक्षणिक कार्य के पहले इनकी पूजा की जाती हैं।क्या सरस्वती ज्ञान की देवी है ? अगर है तो इन शंकाओं का समाधान करें-
1इसके बिना ईसाई,मुसलमान,प्रकृतिपूजक(आदिवासी)नास्तिक आदि कैसे ज्ञान प्राप्त कर पा रहे है? 2 सरस्वती कितनी भाषाएँ जानती है ? 3 हड़प्पा सभ्यता की लिपि अब तक नहीं पढ़ी गई। इस संबंध में सरस्वती का क्या प्लान है ? 4 सरस्वती के होते हुए स्कूलों में शिक्षकों की जरूरत क्यों पड़ती है ? 5 अंग्रेजों के पहले भारत मेँ अंग्रेजी क्योँ नहीँ थी. क्या सरस्वती पहले अंग्रेजी नहीँ जानती थी ? 6 कई देश शतप्रतिशत साक्षर हो गए, जबकी भारत सरस्वती के होते हुए भी साक्षरता मेँ पीछे है, क्योँ ? 7 मनु ने मनुस्मृति मेँ शूद्रोँ का पढ़ना दंडनीय माना है। आज तक इस मामले मेँ सरस्वती ने कोई एक्शन क्योँ नहीँ लिया ? क्या सरस्वती भी इस षडयंत्र मेँ शामिल थी? ज्ञान तो सरस्वती देती है. क्या यह ज्ञान मनु को सरस्वती ने ही दिया था ? 8 कई भाषाएँ लुप्त हो गई और कई लुप्त हो रही हैँ। सरस्वती उन्हेँ क्योँ नहीँ बचा पा रही हैँ? क्या इतनी सारी भाषाओँ को याद रखना उनके लिए मुश्किल हैँ ? 9 कुछ बच्चे मेहनत करने पर भी पढ़ाई मेँ कमजोर होते हैँ. क्योँ ? क्या वह भेदभाव करती हैँ अगर आप इस निष्कर्ष पर पहुचते की की विद्या की वास्तविक देवी सावत्री बाई है तो उनके जन्म दिन पर हार्दिक नमन !!
पी एन बैफ्लावत जी की पोस्ट से साभार
प्रेषक
जयसिंह नारेड़ा
Very good
ReplyDeleteयह जान कर खुशी हुई
ReplyDeleteVery good
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