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इश्कग्राम या इंस्टाग्राम की एक सच्चाई

आप सभी को मेरा ये अत्यंत बकवास और सत्यता से भरा लेख झेलने की हिम्मत प्रदान करें! 

कुछ लोगों को बुरा भी लग सकता है, तो इसमें मेरी कोई गलती नहीं होंगी क्यूंकि मेरा मानना है की जो लोग अच्छे होते है उन्हें सब जगह अच्छाई ही नजर आती है और जो लोग बुरे होते है उन्हें सब बुरा ही लगता है, इसलिये आप स्वयं चयन करें की अच्छे है की बुरे तो मैं क्या बता रहा हु, सच मे इतनी बकचोदी करते है फेसबुक पर की अलसी मतलब असली बात याद नही रहती ।।

अच्छा आजकल सोशल मिडिया के सबसे चर्चित प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम ( इंस्टाग्राम नाम से तो सब परिचित ही होंगे ना, ये कोई बताने जैसे बात तो है नहीं की इंस्टाग्राम पर चैट की जा सकती है, वीडियो कॉल की जा सकती, वो भी सुन्दर का मुखौटा लगाकर, मेरा मतलब है फ़िल्टर ", दुनियां जहान के वीडियो देखे जा सकते है भाभियों की रील्स, टुंडी कनिया को आसानी से अपलोड भी किये जा सकते है, यहाँ तक की ऑनलाइन आशिकी भी की जा सकती है) का अब ये रील्स मे मीणाओ की नारियों की चर्चा करने वाला हु क्यूंकि ये ना आज कल दुनियां मे ऐसी छाई हुई है की भारत का नाम इतना ऊंचा हो गया की चीन की दीवार की जगह अब अंतरिक्ष से मीणाओ की लुगाईयो द्वारा बनाई गयी रील्स ज्यादा अच्छे से दिखाई देने लगीं है और उसके साथ अपने समाज का नाम भी दिखने लगा है !

"अब इस इश्क ग्राम सॉरी इंस्टाग्राम नामक सिनेमा है ना जस्ट जोकिंग 😃 सॉरी प्लेटफार्म है ना इसकी जन्म कहा से हुआ ये जान लेते है क्योंकि यहां आधे से ज्यादा लोगो को ये आया कहा से और इसकी लाने का खुरापाती टुंडी कनिया दिखाने वाला ऐप कब पैदा हुआ ?? वैसे तो ये पैदा 2010 में हो गया था ।लेकिन कुछ टेक्निकल टेस्टिंग के दो साल बाद, अप्रैल 2012 में जारी किया गया था, इसके बाद नवंबर 2012 में फीचर-सीमित वेबसाइट इंटरफ़ेस,और विंडोज़ 10 मोबाइल और विंडोज़ 2016 में एप्लिकेशन तैयार किये गए ।"॥

तो ये बात आपके समझ आ गया की ये इसकी उत्पत्ति कैसे हुई नही पढ़ी भी होगी तो आपने काई फर्क पड़े लेकिन पिछले 2 साल से इस इश्कग्राम यानी इंस्टाग्राम ने तबाही मचा रखी है सोशल मिडिया के जगत मे अब क्या बताये आपको, कभी कभी हमारा तो मन करता है की रील्स मे कूद के जान दे दे पर का फ़ायदा वहां भी लोगों को लाइक कमेंट लिखने के आलवा ये फ़िक्र ना रहेंगी की सामने वाले की जान चली गयी है ! एक दो तो कहेंगे और बना ले इंस्टा 🤪

2018 तक तो फिर भी सब ठीक ठाक चाल रहा था फिर आया एक ऐप ठोकमठोक वही अपना टिकटॉक करके हां वही जिसमे उल्टा सीधा पागलपन, चूतियापंती लोगो को सीखा कर अच्छी अच्छी सतवती नारियों को कूल्हे मटकाने पर मजबूर कर दिया और 30 सेकंड के वीडियो में तुम्हे स्वर्ग के आनंद करवा दिए अपने जैसे भाभियों को फॉलो करने वाले लोग लाइक फॉलो करके सुपर स्टार बना देते थे, वो तो मोदी जी
की कृपा भई सो उसको निपटा दिए मतलब बैन करवा दिए !
फिर हुआ कुछ यू की इंस्टाग्राम वाले भैया के दिमाग़ मे ये शॉर्ट
वीडियो वाला कीड़ा घुस गया, उसने अपने ऐप को बुलंदियों पर पहुंचाने के लिए रील्स नाम से एक सेक्शन बना डाला, जिसमे लोग अपनी शॉर्ट वीडियो क्लिप्स डाल सकते थे, अब यही से शुरुआत होती है असली तबाही की, क्यूंकि कोरोना महामारी की वजह से लगा हुआ था लॉकडाउन और लोगों को घर बैठे खा खाकर सूझति थी चूतियापंती अब क्या बोले तो मोदी जी वाले "अच्छे दिन आ गये " खैर लॉकडाउन हुआ खत्म सारे पुरुष वर्ग ने अपने काम धंधे मे फोकस करना शुरू कर दिया, लेकिन कोरोनो काल में कुछ आंटी,भाभियां और छछुंद्रियो को एक भ्रम हो चुका था की वे स्टार बन गई है उनकी भी गलती भी नही है क्योंकि उनके हम जैसे फालतू बैठे लोग फॉलोअर्स बन चुके थे ज़ब भैया ,पापा, हस्बैंड चले जाते काम पर तो आंटिया और आजकल की मॉर्डन जुग की कन्या और भाभियों ने फेमस होने की राह पर चलना स्टार्ट कर दिया !"

अब तो इंस्टाग्राम मे महिलाएं और लड़कियां फेमस होने के
चक्कर मे आधे कपड़े पहन के जिस्म की नुमाइश करके खुद को कटरीना कैफ समझने लगीं है, उन्हें अपने मान मर्यादा का
कोई ख्याल ही नहीं है, मुझे तो शर्म आती ऐसे नारियों पर जो
कुछ पैसे के चक्कर मे खुद को नुमाइश का सामान बनाये
बैठी हैं, मुझे तो समझ नहीं आता की इनके परिवार मे कोई
रोक टोक नहीं करता क्या ऐसी बेशर्मी को लेकर, हद हैं! क्या कहुँ लड़कियां इतनी गंदगी फैला रही हैं ना की छोटे बच्चों को मोबाइल देने मे ड़र लगता हैं की ये सब देखकर क्या सीखेगा!
आजकल एक गाना चाल रहा "पतली कमरिया मोरे" ऐसा लग रहा जैसे पूरा इंस्टाग्राम हिलाकर बाहर निकल आएगी की मॉर्डन जुग की कन्या.... यही नहीं इस गाने पर तो 14-15 साल की बच्चियों पर भारी असर आ गया हैं भाई की कसम लड़के भी लड़किया बने फिर रहे है देश का भविष्य खतरे में नजर आ रहा है जबरदस्ती अपनी मम्मी को खड़ा कर करके फेमस होने के लिए बेचारी मम्मी की जान ले रही ये नहीं की पढ़ाई लिखाई पर ध्यान दे ले, पढ़ने लिखने की उम्र में इनको डिया के घर ( ससुराल) जाना हैं।।
हद हैँ भाई यहाँ पर मेरा फेवरेट डायलॉग बनता हैँ " जीजी खुदवा दे मोकु काई मतलब" पर दिल देखा बिना माने कोन
खैर हम तो बस इतना चाहते हैं या वीडियो बनाओ रील्स बनाओ खूबसूरत फेमस हो जाओ पर अपनी मान मर्यादा के
साथ,संस्कारो का ख्याल रखते हुए, क्यूंकि एक नारी ही पुरे
परिवार की अच्छे बुरे दोनों की नीव होती हैं, वैसे भी कहा जाता हैँ भारतीय नारी सब पर भारी इसलिए मॉर्डन जुग की कन्याओ पढ़ाई लिखाई करो आई एस वाय एस बनों खुद भी तरक्की करो और देश का गौरव बढ़ाओ बिना रील बनाये ही अच्छे काम करके रियल लाइफ मे फेमस हो तो जाने हम, हैँ की नहीं खैर जाने दो हमें क्या लेना देना हैं, वो तो हम अठाले बैठे रहते है इसलिए दिमाग़ खराब हो रहा था सोचा थोड़ा ज्ञान बाँट दे तो मन को सुकून मिल जाए ।
ज्ञान बहुत हुआ अब मैं चला रील्स देखने कोई भाभी कूल्हे हिला रही होगी ..!!

मिलते है अगली बार ऐसे ही और धमाकेदार टॉपिक के साथ

जयसिंह नारेड़ा

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