Sunday, March 27, 2022

Facebook पर टिका टिप्पड़ी

नमस्कार लाडलो कैसे हो ??

फेसबुक एक ऐसा प्लेटफार्म है जहा आप सबसे एक साथ बात करने का सबसे बढ़िया ज़रिया है यहां रोज रोज नए मुद्दे मिलते है नही भी मिलते है तो हम तो असली डेढ़ है मुद्दा खोज लेते है हमेशा माहोल गर्म रहना चाहिए तभी तो हमे मजा आता है

यानी कि सोशल मीडिया पर नए नए मुद्दे आना जो कि अब एक सामान्य सी बात हो गयी है, अब मैं बकवास लिखना शुरू नहीं कर दूंगा कि "अरे! आप सब तो जानते ही हैं कि सोशल मीडिया पर कैसे भसड़ बढ़ती जा रही है, हमें मिलकर इसे रोकना चाहिए!" क्या चूतियापा जैसी बात कर रहा हु है ना 🤪
 
इतने ज्ञान की बातें करनी होतीं या पोस्ट लिखना होता ।मैं कुछ ऐसी बातें बताऊंगा जो मैंने महसूस की हैं फेसबुक, व्हाटसएप्प या टविटर पर चलने वाले वाली किसी भी आनलाइन लड़ाई के बारे में....कि बात चाहे शुरू में जो हो रही हो लेकिन कई बार बात मुद्दे से भटककर या तो हिन्दू मुस्लिम पर आ जाती है, या भाजपा कांग्रेस पर या फिर गाली गलौज तो अब आम हो गया है। किसी दिन गलती से अगर मैं किसी फेसबुक पोस्ट के नीचे लोगों को आराम से किसी बात पर चर्चा करते और प्यार से सहमति या असहमति जताते देख लेता हूं तो यकीन नहीं होता कि आज की डेट में भी इतने समझदार लोग होते हैं क्या?? 

सवाल ये है कि हम मनुष्य ऐसे आभासी दुनिया ऐसी राजनीति या बॉलीवुड से संबंधित बहस में पड़ना क्यों चाहते हैं? वो भी तब जब हमारे पास उस मुद्दे की आधी अधूरी जानकारी भी नहीं होती, बस अखबार में एक हेडलाइन कहीं से पढ़ लेते हैं या फिर व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी पर पढ़ लेते है और उस पर अपनी राय देना शुरू कर देते हैं। मैं ये नहीं कह रहा कि किसी भी मुद्दे पर राय देना सही है या गलत। मैंने भी कई बार ठाले मुद्दो पर बहस की है जिनका कोई लेना देना नही अब तुम लोग हँसने लग जाओगे जब सुनोगे कि मैंने कैसे कैसे मुद्दों पर लोगों से बहस की है।

कोण सी भाभी टिकटोक पर #कनिया ज्यादा मटकाती है?? कोनसी भाभी की टुंडी ज्यादा मस्त है ?? 😀😀 आज कोण सी भाभी की HD आई है ??😛
देव बाबू छिएम बनेगा की नही ?? बाबा अबकी बार पी एम बनेगा या छचुंदरा इस बार भी भज्जी को दे ?? घासलेट को तोतला ले बैठेगा या घासलेट अकेला कब्बड़ी खेल जाएगा 🤩🤩 अच्छा HD से याद आया HD के नाम से फेसबुक पर मुर्दे भी जिंदे हो जाते है जिसने कभी फेसबुक पर राम राम नही किया वो भी HD के लिए भाई साहब भाई साहब कहने लग जाता है😂

अब कुछ गधे चार नई लाइन पढ़कर ज्ञान देने है और ऑनलाइन ही ज्ञानी होने का दावा करते है।

ज़रूरी नहीं कि मेरे तर्क सामने वाले व्यक्ति से ज़्यादा सही हैं या नहीं, अगर मैं उसे एक आनलाइन बहस में हरा भी देता हूं तो उससे मेरे जीवन में घंटा भी फर्क नहीं पड़ने वाला। अगर मैं फेसबुक कमेंट में धड़ाधड़ रिप्लाई करके फेसबुक पर बाबा को पीएम ,टोपी को छियम बना दू  तो उससे इनको कोई फायदा या नुकसान नहीं होने वाला है। उन्हें पता भी नहीं चलेगा कि उनके बारे में रोज़ फेसबुक पर कितने तरह की क्या क्‍या बहस होती है, उन्हें जो साबित करना था, वो अपनी मेहनत से साबित कर चुके हैं। 
अब देखना लोग #आईपीएल की टीमों को लेकर भीड़ मरेंगे और हैरानी की बात ये कि गाली गलौज पर दो सेकंड में उतर आते हैं....दो काल्पनिक किरदारों के मुद्दे पर। ऐसा लगता है जैसे सारे दिन लुगाई ,मां बाप और फालतू का गुस्सा यहीं सोशल मीडिया पर निकाल देते हैं। 

फेसबुक के बाद ट्विटर भी अब इस भसड़ से अछूता नहीं है। कोई किसी पोस्ट में किसी की बुराई कर देगा, फिर दूसरा भी उसकी बुराई कर देगा और जनता भी बंट जाएगी। कोई बोलेगा अरे मैं शेर हूं तू गीदड़ है, फिर दूसरा बोलेगा नहीं मैं शेर हूं गीदड़ तो तू है। इंसान बनकर आपस में मुद्दा सुलझाने की कोशिश कोई नहीं करेगा।

अबे खाओ पियो मौज करो, काहे बवाल कर रहे हो बेकार का लेकिन मुझे अब थोड़ा आईडिया लग रहा है कि ऐसा क्‍यों होता है। ड्रामा हर जगह बिकता है भाई भारत में, जब सड़क पर दो लोग की लड़ाई होती है तो आपने देखा ही होगा कि लोग कैसे झुंड बनाकर खड़े हो जाते हैं। यूट्यूब इंस्टाग्राम और टिकटोक भी इसीलिए इतना हिट हुआ। ठीक है, अगर ड्रामे से किसी की ग्रोथ हो रही है तो क्या बुराई है?? भाभी की कमर लचक मार रही है तो हमे तो आंख सेकनी है ना 🤔😶

खैर मैं यहां किसी को रोस्ट करने नहीं आया लड़ाई शुरू भी हम लोग ही तो करते है मुद्दा बनाने के लिए उदाहरण के लिए अगर कोई कहता है कि टोपी के बजाय टकला सही है और वो #डांगवाला और दाढ़ीवाला तो घटिया है इससे बढ़िया तो भाभी की टुंडी कनिया ही अच्छी है तो उसका रिप्लाई देने के दो तरीके हैं। 

पहला ऐ। तूने #डांग वाला और दाढ़ीवाले को घटिया कैसे बोला बे? पगला गया है क्या? अक्ल बेच खाई है क्या तूने? 

दूसरा आपकी बात से मैं बिल्कुल सहमत नहीं हूं भाई। 

पहले वाले रिप्लाई देने से वही होगा जो फेसबुक के 90% कमेंटस में होता है, लड़ाई और गाली गलौज। दूसरा रिप्लाई देने से भी इसकी कोई गारंटी नहीं है कि सामने वाला गाली नहीं देगा लेकिन उसकी संभावना थोड़ी कम होगी। एकाध तो लाड़ा की बुआ बनने आयेंगे

चलिए भाषणबाजी बहुत हो गयी, अब तुम अपना ज्ञान कमेंट में झाड़ो और मेरी बात को सिरियस मत लेना और ले भी लोगे तो मेरा क्या कर लोगे भाई ??

©जयसिंह नारेड़ा 

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