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हक मांगना किसान की गलती

क्या गलती है इस किसान की 
यही की ये हक मांग रहा था ?? 

अब गूंगी बहरी सरकार से हक मांगना भी गुनाह हो गया है मंदिर के लिए चंदा मांग लेता तो इसे न्यूज़ में दिखा दिखा कर फेमस कर देते।
इसकी गलती है इसने अपने बच्चों को पालने के लिए लड़ाई लड़ रहा है इसकी गलती है कि ये घर परिवार को छोड़ कर सरकार से लड़ रहा है इसे जमीन में एक मंदिर बना देना चाहिए और भूखी नंगी जात को उसमे पुजारी रख देना चाहिए तब तो ये महान हुआ अन्यथा किसान बनेगा तो लोग किसानों को ऐसे ही मारते रहेंगे ।

                        सरकार किसानों का मान सम्मान बढ़ाने की बात करती है वो मान सम्मान लट्ठ देना ही तो है ये मान सम्मान कम है क्या जो आज एक किसान को खुनो से लतपथ कर दिया जबकि उसकी गलती ये थी कि वो अपने बाल बच्चों को पालने के लिए तानाशाही सरकार से अपना हक मांग रहा है।

अब कोई नेता इसके साथ नही लगेगा क्योकि नेताओ को डर है टिकट कट जाएगा पार्टी सीडी वायरल कर देगी या फिर अपना मंत्री पद चला जायेगा ।
          
                               रही बात विपक्ष की तो विपक्ष है ही कहा ?? विपक्ष तो खुद ही इनके साथ है वो मौन रह कर इन्हें समर्थन दे रहा है विपक्ष कभी किसानों के साथ रहा ही नही ।

ये किसान है मोदी जी ये पत्थर पर भी कमा सकते है लेकिन इन्हें स्वाभिमान की रोटी पसंद है। ये फसल पैदा करते है ताकि तुम जैसे नेताओं और उनके चमचों का पेट भर सके ।
             किसान तो वो कौम है जो अपने निवाले का आधा टुकड़ा दूसरे लोगो को दे देता है ताकि उसका भी पेट भर सके गांवों आज भी कुछ जातियां किसान के अनाज पर जीवित है जो फसल पकने पर मांगने आ जाती है और किसान हंसते हंसते हुए अपने बच्चों की तरह पाली हुई फसल को दे देता है।

जोहार किसान
जय अन्नदाता 🙏🙏🙏🙏

जयसिंह नारेङा

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