#पेश_है_एक_और_अंधविश्वास_व_पाखंडवाद_का_उदाहरण____व_कुछ_अंधभक्तो_के_नमूने>>>>>>> #कहानी_पूरी_पढ़ना तब ही लाइक कमेन्ट करना अन्यथा नही.....★★★
🔥चमत्कार🔥 राजस्थान के पाली जिले में देवी का चमत्कार,,,,,,,,,,,,,,,,,,
इस तरह से 10 तारीख को एक वीडियो आया जिसको अपलोड किया था भीमा कुमावत नाम के शख्स ने,,,,,,,इसके बाद ये वीडियो अलग अलग ग्रुप में इतना तेजी से #वायरल हुआ कि 1 दिन में ही 1 लाख लोगों ने देखा,,,,और सब देखने वाले कमेन्ट में 100,200 को छोड़कर बाकी सारे लाखो लोग #जय_माता_दी,,,जय माता दी लिखने लगे,,,,,,,,,,,और ये #अंधभक्त मान बैठे की वाकई ये माता का चमत्कार हैं,‼️
औऱ आप भी नीचे दिए गए वीडियो को गौर से पूरा देखिये फिर वीडियो खत्म होने तक आपमे से भी बहुत से अंधभक्त निकल कर सामने आएंगे कमेंट बॉक्स में,,,उनके लिए व उन जैसे सभी अंधभक्तो को जवाब देने के लिए ही इतनी मेहनत कर ये पोस्ट बना रही हूं,,,,,किसी प्रकार की फिक्र ना करे, जवाब जरूर मिलेगा आपको,,,‼️
सबसे पहले मैं इन सभी #अंधभक्तो को बताना चाहती हूं कि ये कोई चमत्कार नही, और न कोई जादू है, और ना ही इसमे कोई देवी जी की शक्ति हैं,,,,,ये सब अपनी #साइंस_का_ही_फॉर्मूला है,,,जिसे दिखाकर आपको #लूटा जा रहा हैं,,,,आपको #बेवकूफ बनाया जा रहा हैं,,,,और आप पढ़े लिखे ज्ञानी इनके झांसे में आकर अपनी #बुद्धिमत्ता का परिचय इस कदर दे रहे हैं कि आप लोग इन #बाबा ओर #देवियों के नाम से अपना और अपने बच्चो का #स्वास्थ्य_व_भविष्य बर्बाद कर रहे हो...‼️❗
अब आती हु असल मुद्दे पर इस वीडियो में दिखाया गया है कि किसी माता या देवी जी के #मंदिर के बाहर आग का कुण्ड बना रखा है जिसमे से लोग #नन्गे_पांव चलकर माता के मंदिर तक जा रहे हैं और मान रहे हैं कि माता या देवी जी के आशिर्वाद या उनकी कृपा से उनको कुछ नही हो रहा,,,,ना उनके पांव जल रहे हैं और ना ही उनके कपड़े,,,,,,,,,,,,,,,,,#देवी_जी_की_कृपा हो रही है इस वजह से नही जल रहे,,,,,,हैं ना⁉️
ये तो था इस वीडियो में जो #स्पेस्ट तौर पर दिखाई दे रहा है वो सच,,,,,,,,,,,,किन्तु #कहते_हैं_ना_कि_एक_सिक्के_के_दो_पहलू_होते_हैं,,,,,,,,तो आइए जरा आपकि नज़र मैं इस वीडियो वाले सिक्के के दूसरे पहलू तक ले कर चलती हूँ,,,,,जरा आराम से चलना,,,,,,कमेंट में धक्का मुक्की मत करना,,,,,,,,सब शांति बनाए रखना,,,,,,,,,,,,आइए अब हम पहुच गए दूसरे पहलू पर,,,जो कि बड़ा ही इंटरेस्टिंग हैं,,,गौर से पढियेगा व बाद में वीडियो में गौर से देखिएगा....👇👇👇👇
#दूसरा_पहलू ये है कि इस वीडियो में सबसे पहले एक आदमी उंस जलती आग पर लोगो के वहा से निकलने से पहले कुछ घी जैसा तरल पदार्थ डाल रहा है,,,,,,,,,,,,,,और फिर हर बार 2 या 3 जनों के निकलने के बाद ये फिर से ये ही #क्रिया_दोहरा रहा है,,,,,,,,,,,,,,और दूसरा आप जरा #गौर से देखिये की जो लोग आग पर से होकर आने वाले हैं उनके पास एक ओर आदमी हैं जो #बाल्टी लेकर खड़ा हुआ है व आग की और से आने वालों के पैरों को उंस बाल्टी में से उसी #घी_जैसे_पदार्थ से भिगो रहा है व साथ ही उनके निचले हिस्से के कपड़ो पर उंस तरल पदार्थ का #छिड़काव भी कर रहा है,,,,,,,,,हैं ना???? यदि ध्यान नही दिया हो तो वीडियो को 1 बार और देखिये गौर से,,,,,,,,,,,,‼️‼️👍👍👍
अब ये तो हमने देख लिया कि ये लोग ऐसा ही कुछ तरल पदार्थ का छिड़काव कर तो रहे हैं,,,,,,,किन्तु अब आपके दिमाग मे आ रहा है कि ये लिक्विड आखिर हैं क्या,,,,इससे क्या होगा,,,,आग क्यू नही लग रही,,,उनके पैर जल क्यों नही रहे,,,,,,,,❓❓❓
तो इसका जवाब है कि वो जो #लिक्विड है जो कि घी/मक्खन जैसा लग रहा है वो न तो घी है और न ही मक्ख़न या तेल,,,,,,,,,,ये हैं #अकरकरा, #नोसादर और #घिकवार का रस जिसे घोलने पर ये घी जैसा लिक्विड दिखाई दे सकता हैं,,,,,,,,जो कि पसारी की दुकान पर आसानी से मिल जाता है,,,,,,,,,,इस घोल को पैरों पर लगाने से हमे कुछ समय तक पैरों में #आग_की_जलन_का_अनुभव_नही_होता व कपड़ो पर लगाने से उनमे आग नही लगती,,,,,,,,,,,,और ये पाखंडी लोग ऐसा ही कर रहे हैं सबसे पहले तो लोगो के पैरों को इससे #भिगो रहे हैं व उसके बाद उनको #कपड़ो_पर_भी_छिड़काव कर रहे हैं और अंत मे आग पर भी उसका थोड़ा छिड़काव कर रहे हैं,,,,जिससे नतीजा ये निकलता है कि उन्हें आग का अनुभव ही नही होता और वो आसानी से आग पर से नन्गे पांव चलकर बाहर आ रहे हैं,,,,,,,,,,इस अकरकरा, नोसादर और घिकवार के रस को वो #लोग घी बताते हैं जिसको हम मानते हैं कि घी लगाने के बाद भी आग नही पकड़ रही जबकि घी से तो आग भभकनी चाहिए,,,,,,,,,,,,,किन्तु ये सब ढोंग है, पाखंड है वो घी नही अकरकरा, नोसादर और घिकवार को पीसकर मिलाकर तैयार किया हुआ रस है जो कि हमे आग से बचाता है,,,इसका साइंटिफिक रिजल्ट आप गूगल या यूट्यूब पर भी देख सकते हैं,,,,,ये 200° से 230℃ तापमान पर भी जलन का अनुभव नही होने देता,,,,,,,,,,,,,,,तो इसमे कहा से चमत्कार आ गया बाबा या देवी का,,,,,ये सब साइंस का कमाल हैं जो वे लोग आग से बच रहे हैं,,,,,,,परन्तु ये बेवकूफ लोग मान रहे हैं की माता की शक्ति से ये बच रहे हैं,,,,,,,,,एकदम गंवार, मंदबुद्धि और बकवास सोच‼️‼️
इसी में एक कड़ी और जोड़ती हूं की आपने बहुत जगह देखा होगा आग से जलती कपूर को मुह में लेना व मुँह से आग बाहर निकलना,,,,,,,,,,,आज साथ साथ ही उसका भ्रम भी दूर कर देती हूँ,,,,,,,,,,,👇👇👇👇
कपुर का नैचर ही ठंडी प्रवति का होता है व जलते समय वो कोई राख या मलबा नही छोड़ता,,,,जलने के बाद सब हवा में विलीन हो जाता है,,,,,,,,कपूर की गोली को जब हाथ पर या किसी अन्य जगह रख कर उसे जलाया जाता हैं तब उसमें ऊपर के सिरे में आग लगने की वजह से निचला शिरा अधिक ठंडा होता जाता है,,,,,जिससे कि उंस जलते कपूर को आसानी से हाथ की हथलेटी व जीभ पर रखा जा सकता हैं,,,व इससे जलन का अनुभव नही होता,,,,कभी कभार बाहरी हवा के वेग से आग की लॉ भभकती है तब उस लॉ की वजह से जलन अनुभव होती है और आपने ये देखा भी होगा कि तभी ये बाबाजी एक हाथ से दूसरे हाथ मे उसे उछालते रहते हैं,,,,,,,,,,,अब उस जलती हुई कपूर को जब ये लोग मुह में लेते हैं तो जीभ पर लार इक्क्ठा कर लेते हैं जिससे जलन होने का चांस न रहे व जीभ पर रखकर मुह बन्द कर लेते है,,,, तो बन्द मुँह में ऑक्सीजन की कमी व कार्बनडाइऑक्साइड की अधिकता की वजह से 2 सेकंड से भी कम समय मे वो कपूर की आग बुझ जाती है,,,,,,,,,,जिसे हम और आप जैसे कुछ पढ़े लिखे व अनपढ़ ज्ञानी #चमत्कार समझ बैठते हैं,,,,,,,,जबकि सच्चाई ये हैं कि इसमें भी #साइंस का ही कमाल हैं ‼️‼️
अब लास्ट में बताती हूँ मुह से जलती हुई आग की लॉ निकालने वाली देवी या बाबाजीओ की शक्ति के बारे में,,,,,,,,,,,एक पदार्थ होता है जिसे हम #फॉस्फोरस कहते हैं,,,,ये पदार्थ बहुत ज्वलनशील होता है,,,,,,,थोड़े अधिक तापमान होने पर भी इसमे आग लगने का खतरा होता है,,,,,,,,,,,ये बाबा लोग इसी फॉस्फोरस को अपनी जीभ पर लगाने से पहले जीभ को थोड़ा सूखा कर लेते हैं,,,मतलब जीभ पर लार नही रहने देते,,,,,,फिर फॉस्फोरस को जीभ के अगले सिरे पर रखते हैं व जोर से अपनी सांस जो कि गर्म हवा होती है,,क्योंकि शरीर का temprature 37°-40℃ होता हैं तो शरीर मे से आने वाली हवा थोड़ी गर्म आती है जिसे ये बाबा बाहर की और छोड़ते हैं,,,,,उंस गर्म हवा की वजह से ये फॉस्फोरस आग पकड़ लेता हैं व ये आग सांस व हवा के वेग के साथ साथ बाहर की और लॉ के रूप में आती हैं,,,,,,,,,,,,,,,इनकी इसी साइंटिफिक कला को हम बाबा और देवियों का चमत्कार मान बैठेते हैं,,,,जबकि ये भी साइंस का ही एक फॉर्मूला हैं,,,‼️‼️
◆तो अब बताईये इसमे कोनसी देवी की शक्ति थी,,,,,कौनसा चमत्कार था,,,,क्या जादू था,,,,,,,,,,,,❓❓❓❓
☆इस बारे में मेरा जवाब हैं,,,,,,इसमे साइंस देवी थी,,,,,,,साइंस ही जादू था,,,,,,,और सारा चमत्कार भी साइंस का ही था⁉️⁉️
#आपसे_मेरी_विनती_है_कि इन पाखंडी बाबाओ की लालच में आकर आप समाज मे पाखंडवाद व अंधविश्वास मत फैलाओ,,,,,,,इस तरह का कोई चमत्कार नही होता और न ही कोई शक्ति होती हैं,,,,,,,,,आपको बेवकूफ़ बनाने के लिए ये सब चमत्कारी बाबा साइंस का ही उपयोग करते हैं,,,,,,,और साइंस ऐसे चमत्कारों का खजाना हैं,,,,,,,,,,किंतु आप इसमे साइंस न देखकर बाबा ओर देवियों की शक्ति देख लेते हैं,,,इसी का परिणाम है कि आजकल पढ़े लिखे शिक्षित लोग भी ऐसे #पाखण्डवाद को मानते हैं ,,,कृपया अपनी काबिलियत व बुद्धिमत्ता को समझीये ओर इन ढ़ोंगी- पाखंडि बाबा जो अंधविश्वास फैला रहे है इनसे बचिए ‼️‼️
लेखिका ❣️❣️मोहनी मीना❣️❣️
☆☆☆★☆☆☆
★★★अब आप अपने अपने विचार रखियेगा,,,,,,,,,,,
बहन आप तो बहुत गहरी बात बताई और लोगों की आंखे खोल दी बहित बहुत साधुवाद
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