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Showing posts from April, 2016

मन के मते ना चालिए

मित्रों एक बड़ी नदी के किनारे  काली घनघोर रात में दोनों पती पत्नी  सड़क के बाजू में अपनी चार पहिंया  गाड़ी को रोक कर खड़े हुए थे ।। घनघोर काली रात में मूसलाधार बारिश हो रही थी ।। ...

मीणा समाज के पञ्च पटेलों की गुमसुदा की तलाश

~~~मीणा समाज पञ्च पटेलों के गुमसुदा की तलाश~~~ कुछ दिन पहले समाज के पञ्च पटेलों में समाज को आदर्श समाज बनाने की होड़ क्या मची की वे उस समय इतने सारे वादे कर गए की उन वादों के आगे तो म...

पार्वती योनि

नेहा नरुका की कविता 'पार्वती योनि' ऐसा क्या किया था शिव तुमने ? रची थी कौन-सी लीला ? ? ? जो इतना विख्यात हो गया तुम्हारा लिंग माताएं बेटों के यश, धन व पुत्रादि के लिए पतिव्रता...

भय का भूत

रात 10 बज रहे थे गांव में एकदम सुनसान माहौल था! मन्द मन्द गति से ठंडी हवाए चल रही थी जो शरीर को ठण्ड का अहसास करवाने के लिए काफी थी!पेड़ के पत्तो व् सियार और कुत्तो के भोकने की आवाज ...