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एक पैगाम समाज के नाम,समाज सुधार की अपील

एक पैगाम समाज के नाम:-
                                     आदरणीय सभी पञ्च पटेल एवम् समस्त बुद्दिजीवी गण एवम् मेरे युवा साथियो
सभी पञ्च पटेलों और बुद्दीजीवीओ से विनम्र निवेदन है की आप DJ बन्द करने के तुगलकी फरमान जारी किये उन्हें वापस लेने का कष्ट करे  क्योकि युवाओ के साथ उनकी इच्छाओ को मारना या उन पर अपना नियम थोपना है आपको यदि ऐसा लगता है की dj बन्द होने से शराब बन्द हो जायेगी तो ये आपकी गलत सोच  या फिर यह कह सकते है की आपने शराब बन्द करने का गलत तरीका अपनाया है!
फिर भी यदि आपको लगता है की DJ बन्द होने से शराब बन्द हो जायेगी तो आप कृपया करके लिखित में अपने हस्ताक्षरित सहित दे साथ में अनुबन्ध होना चाहिए की यदि DJ बन्द होने के बाद भी शराब प्रचलन पाया जाता है अथवा देखा जाता है तो DJ की जुर्माना राशी एवम् शराब पर जो जुर्माना राशी समाज के सहायता कोष में जमा करेंगे!
यदि आप ऐसा करेंगे तो शायद शराब जरूर बन्द हो जायेगी अन्यथा कोई रास्ता नही है!
समाज प्रमुख समस्याए:-
                                  पञ्च पटेल और बुद्दिजीवी साथी इन विषयो पर भी अवश्य विचार-विमर्श करने का कष्ट करे
(1)दहेज़
(2)शराब
(3)ब्रामण को बुलाना बन्द करे
(4)अन्धविश्वास और पाखंडवाद
(5)छुआछुत

ये ऐसी समस्याए जो समाज को खोखला कर रही है!
(1)दहेज़:-
               समाज की मूल समस्या की जड़ है और इस समस्या ने गहरा रूप ले लिया है!
अपने बेटे को ऐसे बेचते है जैसे कोई भैंस का पाडा(बछड़ा) की बेच रहे हो
इतने से कम तो होगा ही नही अब बेचारा गरीब कहा से लाये इतना धन अरे भाई आपका पुत्र जी तो सर्विस में लग गया अब तो वही काफी कम लेगा पर नही लोगो को तो फ्री का खाने की आदत पड़ी हुई है जो अपने बेटे का मोल भाव करते है अतः आपसे निवेदन है इस समस्या पर अम्ल करे
(2)शराब:-
               शराब के बारे में ऊपर लिखा जा चूका है
(3)ब्राह्मण को बुलाना बन्द करे:-
                                            आज कल छोटे से छोटे काम में पंडित को बुलाना आम बात हो गयी है जो हमे अंदर ही अंदर मार रहा है!
ये लोग हमारे पैसे को हमसे ही लेकर हमारे ही विरोध में लगे रहते है ये ही लोग हमारे आरक्षण के विरोधी है! ये ही लोग हमे आगे नही बढ़ना देना चाहते और इन्हें पाल पोस कर बड़ा हम ही कर रहे है!

Note:-मीणा समाज में बहुत छात्रो ने संस्कृत में पीएचडी कर रखी है वे इन अनपढ़ बामणो से बेहतर है
इसी बहाने उन्हें रोजगार भी मिल जायेगा और आपके रूपये समाज के ही व्यक्ति के काम आएंगे!
(4)अंधविश्वास और पाखंडवाद:-
                                             धर्म के नाम अपने आप को लूटा रहा है! हमारा समाज आज कोई लड़का या लड़की अपनी मेहनत से नोकरी लगता ह फिर रामायण,भागवत और हवन पता नही क्या क्या
इन सब को बन्द करे इन में अपना पैसा बर्वाद करने से ज्यादा कुछ नही है! यदि आपको पढ़वाने ज्यादा ही शोक है तुलसीकृत रामचरित मानस को बन्द करे और वाल्मीकी रामायण पढ़वाये वो भी मीणा से ही
(5)छुआछुत:-
                    यह समस्या अभी तक पूरी तरह खत्म नही हुई है इस भी अपने विचार अवश्य रखे

आप से आशा करता हु की समाज में बदलाव होगा
यदि लेख कोई त्रुटि रह गयी हो तो क्षमा करे

Note:-शेयर करने वाले और आगे भेजने वाले भाइयो से निवेदन है लेख को तोड़-मोड़ कर इसकी ऐसी तैसी ना करे लेखक सन्दर्भ सहित भेजे,गुड़ गोबर कर देते हो
पोस्ट के लेखक के नाम को हटाकर या अपने हिसाब से तोड़ मरोड़कर अतः ऐसे ही रहने दे
®लेखक
जयसिंह नारेड़ा

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