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आदिवासी दिवस के अविस्मर्णीय पल

------आदिवासी दिवस के अविस्मर्णीय पल-----
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कल दलित आदिवासी एवम् मूलनिवासी संघ के द्वारा अंतराष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाया गया
जिसमे वीर शिरोमणी बिरसा मुंडा की मुर्ति का अनावरण किया गया
कार्यक्रम में कई आदिवासी वक्ताओं ने अभी की जो आदिवासियों पर चल रही ताजा समस्याओं को प्रकाशित किया ! कार्यक्रम में पूर्व न्यायाधीश आरके आकोदिया, समता सैनिक दल से गजराज जी भारती, शशी जी कोटा, कमलेश जी टाटू, रामहेत लाल जी, डाॅ छगन खंडीप, आसिफ पठान, राजेश नारौली रामनिवास जी, अवनि चौधरी, मोहन जी, रामकेश हाथोज, उप प्रधान संगानेर प्रकाश मीणा, पार्षद वार्ड 48 मोहनलाल मीणा, डेम्स प्रदेशाध्यक्ष अनिल टाटू, लालचंद जी बारां, प्रकाश मुंडियाखेड़ा, मांगीलाल पटेल(बीआरसीएस प्रदेशाध्यक्ष), युवा लेखक अर्जुन महर, छात्रनेता रामस्वरूप मीणा, छात्र नेता राजस्थान काॅलेज अक्षय कुमार मीणा, लखन टाटू, अवतार मीणा बीआरसीएस प्रदेश सचिव और अजीत समीर बैफलावत, छात्र नेता शेखर मीणा, छात्र नेता छोट्या पटेल आदि वक्ताओं ने अपने विचार रखे तथा युवाओं का मार्गदर्शन किया !
                               कार्यक्रम में डेम्स शक्तिस्थल पर छात्र-छात्राओं के लिऐ निशुल्क कोचिंग क्लासेज शुरू करने की घोषणा की गयी !
            कार्यक्रम की व्यवस्था #जयसिंह_नारेडा, जिज्ञासु कुंद्रा, अबरार मलारना, दीपक बस्सी, राहुल धांसल, ओमप्रकाश हमीरपुरा, राकेश धांसल, लोकपाल दौलतपुरा, विजय दोसाडा, संजय धांसल एवं समस्त डेम्स टीम ने संभाली !

इस सभा से ये तो सिध्द हो गया कि हमारा समाज के पास अच्छे अच्छे नेता तो है लेकिन असली मे समाज मे कार्य करने वाले बहुत कम व्यक्ति है
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इस समाज को गजराज भारती जैसे समाजिक क्रान्तिकारी की जरुरत है
कल भारती जी ने भाषण मे बताया कि ये मनुवादी कैसे कैसे हमारे साथ छल कपट कर रहा है कैसे हमे खत्म करने की साजिस कर रहा है
उन्होने शादिया होती है इनका यदि प्रमाण पत्र बनाने म जिसमे हमारे साथ जो साजिस कि जा रही है वह भी बताया कि उस पत्र मे हमे पंडित से सत्यापन करवाना पडेगा
उन्होने शादी के लिए भरा जाने वाला प्रारुप भी बताया हम यदि शादी का प्रमाण पत्र बनबाये तो पहले पंडित से सत्यापन करवाना पडेहा कि हम आदिवासी है या नही
जबकि आज तक ये जानकारी किसी समाज के ठेकेदार ने नही दी
अब वक्त है हमे हमारी एकता दिखाने
समय गुजर रहा है दोस्तो ये मनुवादी हमसे ही खाते पीते और हमारा ही गला दबाते है
लालचन्द जी ने मनुवाद की बहुत अच्छी व्याख्या की
डा अनिल टाटु ने शंम्भुक ऋषि के वध के बारे बताया कि मनुवादियो ने उन्हे कैसै धोखे से मारा
यदि राम भगवान ही था तो उसे छल और कपट करने की क्या जरुरत पडी
सभी वक्ताओ ने ऐसी जानकारी दी जो वास्तव मे हमे पता ही नही थी
अब भी समय है समझ जाओ इन मनुवादियो की चाल को वरना चिडिया के खेत चिगने के बाद कुछ होता वैसे ही हम भी इन मनुवादियो की चाल को नही समझ पायेंगे
ये हमारे साथ हजारो सालो से षणयन्त्र करते आ रहे है
एक तीर एक कमान सारे आदिवासी एक समान
जय आदिवासी   जय बिरसा    जय भीम

जयसिंह नारेड़ा

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