Monday, August 31, 2015

आदिवासी तेरा शोषण

~~~~~~~आदिवासी तेरा शोषण~~~~~~
जिस आरक्षण के वृक्ष तले तुमने छाया और फल खाया है
उसकी जड़ो मे दुश्मन ने तेजाब आज गिरवाया है!
जिसके पैरो को तुम पुजो वह सिर पर अब चढ आया है
वह स्वयं सामने नही आता,भीलो पे रंग चढाया है!
आदिवासी तेरा शोषण सदियो से होता आया है!!
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आदिवासी तुम राजा थे,अब रंको जैसा हाल किया
संस्कृति तुम्हारी नष्ट करी,इतिहास तुम्हारा जला दिया!
जौंक की तरह आदिवासी सदियो से तेरा खुन पिया
संभूक ऋषि को मरवाया,एकलव्य का अगुंठा काट दिया!
अब नया षणयन्त्र रचा मीना-मीणा मे भेद किया
फिर भी तुम इनको आदर दो,यह समझ नही आया है!
आदिवासी तेरा शोषण सदियो से होता आया है!!
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अब तो जागो सोने वालो नही काम चलेगा सोने से!
हल्दी क्या अपना रंग छोड़े क्या? लाख बार धोने से!!
समय चूक पछताओगे ,क्या होगा फिर रोने से!
आगे कैसे बढ पाओगे,यो दब-दब-दबके रहने से!!
मत दुध पिलाओ सर्पो को,इसलिये तुम्हे चेताया है!
आदिवासी तेरा शोषण सदियो से होता आया है!!
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तुम प्रकृति पुजक रहे सदा,अब दिशाहीन क्यो होते हो!
सदियो से गुलामी का बोझा क्यो अपने सिर पर ढोते हो!!
तुम मूलनिवासी भारत के,क्यो भुला दिया अपने बल को!
तुम नही अभी तक समझ सके,दुश्मन के कपट भरे छल को!!
अपने बल को तुम याद करे,दुश्मन को खुब छकाया है!
आदिवासी तेरा शोषण सदियो से होता आया है!!
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सिन्धु घाटा का इतिहास गवाह,तुम प्रेम सहित सब रहते थे!
था नही कही पर भेदभाव,ना जाति-पाति करते थे!!
प्रकृति उन्नत यहॉ रही सदा धन धान्य युक्त यह देश था!
पावन जल सिन्धु नदी का था,सौन्दर्य प्रकृति परिवेश था!!
वह क्षेत्र तुम्हारा अनुपम था,वहॉ झरने अविरल झरते थे!
तब नर तो क्या हिंसक पशु भी आदिवासी से डरते थे!!
कर स्वर्ग नरक का भेद देख,तुमको कमजोर बनाया है!
आदिवासी तेरा शोषण सदियो से होता आया है!!
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युरोप एशिया से आकर आर्यो ने पॉव जमाया है!
धन धान्य युक्त भारत देखा,फिर इनका जी ललचाया है!!
यहॉ जातिवाद को फैलाकर ऊच नीच का भेद किया!
मुखिया बन बैठे भारत के,मनुस्मृति का निर्माण किया!!
जिसने देखा नही वेदो को,वह चतुर्वेदी कहलाया है!
आदिवासी तेरा शोषण सदियो से होता आया है!!
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यहॉ वर्ण व्यवस्था लागू कर,हमको शुद्रो का नाम दिया!
खुद सबसे ऊचे बन बैठे,हमको नीचो का काम दिया!!
हमको ही दानव असुर कहा,हम सुरापान नही करते थे!
हम आन बान की रक्षा के हित,जीते थे और मरते थे!!
हमको शिक्षा से दुर रखा,नहू अक्षर का ज्ञान कराया है!
आदिवासी तेरा शोषण सदियो से होता आया है!!
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चाहे युवा मौत भी घर मे हो,तुम घर पर इन्हे बुलाते है!
नही शौक कभी ये करते,देशी घी को खा जाते है!!
है नमक मिर्च कम सब्जी मे,ये मिर्च नमक करवाते है!
खा पीकर माल हमारा ये,फिर दान दक्षिणा पाते है!
खुद तो जमकर खाते है,घर घंटी मे भरकर ले जाते है!!
कितना पूजो चाहे दान करो,फिर भी देखो घुर्राया है!
आदिवासी तेरा शोषण सदियो से होता आया है!!
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ये ही कोर्टो मे बैठे है,और समाचार पेपर इनके!
इलेक्ट्रिक,मिडिया,न्याय पालिका,टेलिविजन भी इनके!!
अारक्षण विरोधी स्वर्ण पार्टी,मिशन 72 भी इनके!
यहा सब मंदिर बने हमारे,लेकिन महंत बने इनके!!
अब योग्य हुए हम पढ लिखकर,इसलिये तो ये घबराया है!
आदिवासी तेरा शोषण सदियो से होता आया है!!
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जब जागेगा आदिवासी, नही कर्महीन टिक पायेगा!
हुंकार भरेगा भूमि पुत्र,तब कौन सामने आयेगा!!
मीणा-मीना मे भेद किया,सब मिनटे मे मिट जायेगा!
इसलिये एकजुट हो जाओ,संघर्ष करो,संगठित रहो!!
सदियो से किया तेरा शोषण,सब ब्याज सहित चुक जायेगा!
आदिवासी तेरा शोषण,तब नही कोई कर पायेगा!!
आदीवासी तेरा शोषण,तब नही कोई कर पायेगा
आदिवासी तेरा शोषण http://jsnaredavoice.blogspot.com/2015/08/blog-post_31.htmlलेखक-समता सैनिक दल
प्रेषक:-जयसिंह नारेड़ा

Friday, August 21, 2015

आदिवासी दिवस के अविस्मर्णीय पल

------आदिवासी दिवस के अविस्मर्णीय पल-----
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कल दलित आदिवासी एवम् मूलनिवासी संघ के द्वारा अंतराष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाया गया
जिसमे वीर शिरोमणी बिरसा मुंडा की मुर्ति का अनावरण किया गया
कार्यक्रम में कई आदिवासी वक्ताओं ने अभी की जो आदिवासियों पर चल रही ताजा समस्याओं को प्रकाशित किया ! कार्यक्रम में पूर्व न्यायाधीश आरके आकोदिया, समता सैनिक दल से गजराज जी भारती, शशी जी कोटा, कमलेश जी टाटू, रामहेत लाल जी, डाॅ छगन खंडीप, आसिफ पठान, राजेश नारौली रामनिवास जी, अवनि चौधरी, मोहन जी, रामकेश हाथोज, उप प्रधान संगानेर प्रकाश मीणा, पार्षद वार्ड 48 मोहनलाल मीणा, डेम्स प्रदेशाध्यक्ष अनिल टाटू, लालचंद जी बारां, प्रकाश मुंडियाखेड़ा, मांगीलाल पटेल(बीआरसीएस प्रदेशाध्यक्ष), युवा लेखक अर्जुन महर, छात्रनेता रामस्वरूप मीणा, छात्र नेता राजस्थान काॅलेज अक्षय कुमार मीणा, लखन टाटू, अवतार मीणा बीआरसीएस प्रदेश सचिव और अजीत समीर बैफलावत, छात्र नेता शेखर मीणा, छात्र नेता छोट्या पटेल आदि वक्ताओं ने अपने विचार रखे तथा युवाओं का मार्गदर्शन किया !
                               कार्यक्रम में डेम्स शक्तिस्थल पर छात्र-छात्राओं के लिऐ निशुल्क कोचिंग क्लासेज शुरू करने की घोषणा की गयी !
            कार्यक्रम की व्यवस्था #जयसिंह_नारेडा, जिज्ञासु कुंद्रा, अबरार मलारना, दीपक बस्सी, राहुल धांसल, ओमप्रकाश हमीरपुरा, राकेश धांसल, लोकपाल दौलतपुरा, विजय दोसाडा, संजय धांसल एवं समस्त डेम्स टीम ने संभाली !

इस सभा से ये तो सिध्द हो गया कि हमारा समाज के पास अच्छे अच्छे नेता तो है लेकिन असली मे समाज मे कार्य करने वाले बहुत कम व्यक्ति है
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इस समाज को गजराज भारती जैसे समाजिक क्रान्तिकारी की जरुरत है
कल भारती जी ने भाषण मे बताया कि ये मनुवादी कैसे कैसे हमारे साथ छल कपट कर रहा है कैसे हमे खत्म करने की साजिस कर रहा है
उन्होने शादिया होती है इनका यदि प्रमाण पत्र बनाने म जिसमे हमारे साथ जो साजिस कि जा रही है वह भी बताया कि उस पत्र मे हमे पंडित से सत्यापन करवाना पडेगा
उन्होने शादी के लिए भरा जाने वाला प्रारुप भी बताया हम यदि शादी का प्रमाण पत्र बनबाये तो पहले पंडित से सत्यापन करवाना पडेहा कि हम आदिवासी है या नही
जबकि आज तक ये जानकारी किसी समाज के ठेकेदार ने नही दी
अब वक्त है हमे हमारी एकता दिखाने
समय गुजर रहा है दोस्तो ये मनुवादी हमसे ही खाते पीते और हमारा ही गला दबाते है
लालचन्द जी ने मनुवाद की बहुत अच्छी व्याख्या की
डा अनिल टाटु ने शंम्भुक ऋषि के वध के बारे बताया कि मनुवादियो ने उन्हे कैसै धोखे से मारा
यदि राम भगवान ही था तो उसे छल और कपट करने की क्या जरुरत पडी
सभी वक्ताओ ने ऐसी जानकारी दी जो वास्तव मे हमे पता ही नही थी
अब भी समय है समझ जाओ इन मनुवादियो की चाल को वरना चिडिया के खेत चिगने के बाद कुछ होता वैसे ही हम भी इन मनुवादियो की चाल को नही समझ पायेंगे
ये हमारे साथ हजारो सालो से षणयन्त्र करते आ रहे है
एक तीर एक कमान सारे आदिवासी एक समान
जय आदिवासी   जय बिरसा    जय भीम

जयसिंह नारेड़ा

आदिवासी नायक-बिरसा मुंडा

आदिवासी वीर बिरसा मुंडा

मीना गीत संस्कृति छलावा या व्यापार

#मीणा_गीत_संस्कृति_छलावा_या_व्यापार दरअसल आजकल मीना गीत को संस्कृति का नाम दिया जाने लगा है इसी संस्कृति को गीतों का व्यापार भी कहा जा सकता ...